अध्यात्म

अगर आपने गंगा आरती नहीं देखी है तो यहाँ देखिये, आपका रोम-रोम आनंद से भर जायेगा… देखें वीडियो!

बनारस एक अद्भुत और बहुत ही प्राचीन शहर है। इसे भगवान शंकर की नगरी भी कहा जाता है। बनारस का कशी विश्वनाथ का मंदिर, शक्तिपीठों में से एक है। ऐसा कहा जाता है कि भगवन शंकर बनारस में भी कुछ दिनों के लिए रुके थे। बनारस दुनियाँ के सबसे प्राचीनतम शहरों में से एक है। इस शहर की सबसे बड़ी बात ये है कि यहाँ के लोग अलग ही रंग में रहते हैं। बनारस गलियों का शहर है और यहाँ की हर एक गली में मंदिर बने हुए हैं। वैसे देखने के लिए इस शहर में बहुत कुछ है, लेकिन यहाँ का जो सबसे अद्भुत नजारा होता है, वह शाम के समय गंगा घाटों पर दिखता है।

गंगा आरती देखने विश्व के कोने-कोने से आते हैं लोग:

अब आप सोच रहे होंगे ऐसा क्या होता है गंगा घाटों पर? तो आपको बता दें बनारस के गंगा घाटों पर शाम के समय “गंगा आरती” होती है। बनारस में दो मुख्य गंगा घाट है, जहाँ की आरती देखने के लिए पुरे विश्व से लोग आते हैं। वैसे यहाँ पर लगभग 80 से ज्यादा घाट हैं। हर घाट के अपने नाम हैं। दशाश्वमेघ घाट और अस्सी घाट अपनी खूबसूरती के लिए जाने जाते हैं। अस्सी घाट, घाटों में अस्सीवें नंबर पर आता है, इसलिए उसका नाम अस्सी घाट पड़ गया। यहाँ जाने के बाद आपका मन ही नहीं होगा कि यहाँ से कही और जाएँ।

जो भी देखता है गंगा आरती, उसमे खो जाता है:

गंगा घाट के किनारे बनी सीढियों पर बैठने के बाद जो आनंद आपको मिलेगा, वैसा अनुभव आपने पहले कभी नहीं किया होगा। शाम के समय जब आरती होती है तो उसकी भव्यता देखते ही बनती है। जब कोई पहली बार गंगा आरती देखता है तो वह उसमे खो जाता है। एक अलग तरह का आकर्षण होता है गंगा आरती में। मन्त्रो का उच्चारण, घंटों की आवाज, नगाड़े की गूज आपके रोम-रोम में आनंद का संचार कर देती है।

एक अलग ही उर्जा का संचार होता है आरती देखने के बाद:

अगर आपने भी आज से पहले गंगा आरती नहीं देखी है तो यहाँ देखिये। यकीन मानिये आरती देखने के बाद आपके अन्दर एक अलग प्रकार की उर्जा का संचार होगा और आपका रोम-रोम आनंद से भर जायेगा।

वीडियो देखें:

https://www.facebook.com/TempleConnect/videos/1096457827040766/

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