बॉलीवुड

सारा अली खान ने बयां किया अपना दर्द, कहा- “मां बाप चुनना मेरे हाथ में नहीं था, अगर होता तो

सारा अली खान बॉलीवुड की अगली सेंसेशन बन गयी हैं. हाल ही में रिलीज़ हुई उनकी फिल्म ‘केदारनाथ’ बॉक्स ऑफिस पर सुपरहिट साबित हुई. दर्शकों ने इस फिल्म में सारा के अभिनय को बहुत पसंद किया और उन्हें एक्टिंग के लिए दर्शकों की तरफ से हरी झंडी भी मिल गयी. इस फिल्म में उनके साथ एक्टर सुशांत सिंह राजपूत हैं. उसके बाद 28 दिसंबर को सारा की दूसरी फिल्म ‘सिंबा’ रिलीज़ हुई और कुछ ही दिनों में ये फिल्म 100 करोड़ के क्लब में शामिल हो गयी और अब खबरें हैं कि फिल्म 200 का आंकड़ा भी पार कर चुकी है. फिल्म को रोहित शेट्टी ने डायरेक्ट और करण जौहर ने प्रोड्यूस किया है. फिल्म में रणवीर सिंह सारा अली खान के हीरो हैं. हाल ही में रिलीज़ हुई ये फिल्म सुपरहिट साबित हो चुकी है. सारा अली खान को खूबसूरती विरासत में मिली है. वह दिखने में जितनी खूबसूरत हैं उतनी ही दिल की भी अच्छी हैं. वह अपने सभी इंटरव्यूज जिस सादगी से देती हैं वह लोगों का दिल जीतने के लिए काफी है. लोग यह भी कह रहे हैं कि सारा पहली ऐसी स्टार किड हैं जिनमें घमंड बिलकुल भी नहीं है और जो वाकई अभिनेत्री बनने लायक हैं. लेकिन बॉलीवुड किड्स अक्सर नेपोटिज्म का शिकार हो जाते हैं. हालांकि, ये कहना गलत नहीं होगा कि सारा नेपोटिज्म का एक पॉजिटिव प्रोडक्ट हैं. हाल ही में दिए गए एक इंटरव्यू पर जब सारा से नेपोटिज्म के बारे में पूछा गया तो उन्होंने एक शॉकिंग जवाब दिया. उनका ये जवाब सुनकर नेपोटिज्म पर सवाल उठाने वाले लोगों की बोलती बंद हो जायेगी.

नेपोटिज्म पर दिया शानदार जवाब

जब सारा से नेपोटिज्म पर सवाल किया गया तो उन्होंने जवाब दिया, “स्टार के बच्चे होने की वजह से प्रिविलेज तो है और शायद इस वजह से मुझे ‘सिंबा’ या ‘केदारनाथ’ मिली. हां, मैं अपने मां बाप से बहुत प्यार करती हूं लेकिन मैंने तो उन्हें नहीं चुना था. लेकिन अगर मौका दिया जाता मैं फिर भी उन्हें ही चुनती. मुझे लगता है कि हम सबके अलग-अलग स्टार्टिंग पॉइंट्स होते हैं. हां, लेकिन हमें बार-बार नीचे दिखाने के लिए सिर्फ इतना काफी नहीं होता. अगर हम अच्छे हैं तो हमारा काम हमारे लिए बोलेगा. जरा सोचिये उस वक्त कैसा होता जब हमारे पास पहुंच होती और हमें पता होता कि हम कुछ कर सकते हैं इसके बावजूद हम उसका सही फायदा नहीं उठाते. फिर तो हम मूर्ख कहलाते ना”.

आम जिंदगी में भी लोग देते हैं ‘नेपोटिज्म’ को बढ़ावा

अगर सही ढंग से सोचा जाए तो सारा ने बिलकुल सही बात कही है. अगर आप अच्छे हैं तो आपका काम बोलेगा और यदि आप स्टार के बच्चे हैं तो ये आपकी गलती नहीं है. हालांकि इस बात में कोई दो राय नहीं है कि बॉलीवुड में नेपोटिज्म होता है. लेकिन जरूरी नहीं कि हर कोई इसकी चपेट में आ जाए. आम जिंदगी में भी लोग नेपोटिज्म को बढ़ावा देते हैं और अगर बॉलीवुड में ऐसा होता है तो इतनी आफत क्यों आ जाती है. अगर टैलेंट है तो हमें नहीं लगता किसी को कोई भी शिकायत होनी चाहिए. हां, टैलेंट ना होने के बावजूद मौका मिल गया फिर ये सरासर नाइंसाफी है.

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