अध्यात्म

महालक्ष्मी के इन आठ स्वरूपों की आराधना से पूरी होती है हर मनोकामना

न्यूज़ट्रेंड वेब डेस्क: अच्छा जीवन यापन करने के लिए और घर में सुख समृद्धि लाने के लिए लोग लक्ष्मी माता की पूजा-अर्चना करते हैं, माता लक्ष्मी को धन की देवी माना जाता है और ऐसा करने से घर में बरक्कत होती है और धन की प्राप्ति होती है। लेकिन क्या आपको पता है कि लक्ष्मी जी का केवल एक स्वरूप नहीं है बल्कि देवी महालक्ष्मी के अन्य भी स्वरूप हैं जिनक बारे में शायद ही आप जानते हों, देवी लक्ष्मी के अन्य स्वरूपों से धन के साथ यश, आरोग्य, आयु आदि की भी प्राप्ति होती है। माता लक्ष्मी के अष्टलक्ष्मी स्वरूपों की उपासना से मानव की सभी कामनाओं की पूरी होती है और सुख-समृद्धि के आशीर्वाद के साथ धन-वैभव भी प्राप्त होता है। तो चलिए आपको बताते हैं माता लक्ष्मी के अन्य आठ स्वरूपों के बारे में।

 धनलक्ष्मी

लक्ष्मी जी के आठ स्वरूपों में एक हैं  और पहली देवी है धनलक्ष्मी । ऐसी मान्यता है कि माता के इस स्वरूप की आराधना और पूजा-अर्चना करने से समृद्धि का आर्शीवाद प्राप्त होता है। साथ ही इनकी उपासना से कर्ज और समस्त आर्थिक परेशानियों से मुक्ति ‍मिलती है।

मंत्र- माता की उपासना के लिए ॐ धनलक्ष्म्यै नम: मंत्र का जाप करना चाहिए।

यशलक्ष्मी

लक्ष्मी माता का दूसरा स्वरूप है यशलक्ष्मी, इनकी अराधना से मान-सम्मान, यश, ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है। ऐसा माना जाता है कि माता यश लक्ष्मी की उपासना से भक्तों में विनम्रता का गुण आता है और उनके शत्रुओं  का नाश हो जाता है।

मंत्र- माता की उपासना के लिए ॐ यशलक्ष्म्यै नम: मंत्र का जाप करना चाहिए।

आयुलक्ष्मी

माता लक्ष्मी का तीसरा स्वरूप है आयुलक्ष्मी, आयुलक्ष्मी माता की आराधना भक्तगढ़ लंबी आयु के लिए करते हैं। आयुलक्ष्मी माता की आराधना से भक्तों को शारीरिक और मानसिक रोगों से मुक्ति मिलती है।

मंत्र- माता की उपासना के लिए ॐ आयुलक्ष्म्यै नम: मंत्र का जाप करना चाहिए।

वाहनलक्ष्मी

लक्ष्मी माता का चौथा स्वरूप है वाहनलक्ष्मी माता, ऐसा माना जाता है कि वाहन की अभिलाषा रखने वाले साधकों को माता लक्ष्मी के इस स्वरूप की पूजा-अर्चना करनी चाहिए। ऐसी मान्यता है कि वाहनलक्ष्मी माता की उपासना से साधक को उत्तम और मनचाहे वाहन की प्राप्ति होती है।

मंत्र- माता की उपासना के लिए ॐ वाहनलक्ष्म्यै नम: मंत्र का जाप करना चाहिए।

स्थिरलक्ष्मी

माता लक्ष्मी का पांचवा स्वरूप है स्थिरलक्ष्मी माता, ऐसा माना जाता है कि स्थिरलक्ष्मी माता की उपासना से घर में धन का वैभव हमेशा बना रहता है ।

मंत्र- माता की उपासना के लिए ॐ स्थिरलक्ष्म्यै नम: मंत्र का जाप करना चाहिए।

सत्यलक्ष्मी

माता लक्ष्मी का छठवां स्वरूप हैं सत्यलक्ष्मी माता, ऐसी मान्यता है कि सुंदर और सुशील पत्नी की इच्छा रखने वाले व्यक्ति को माता सत्यलक्ष्मी की उपासना करना चाहिए।

मंत्र- माता की उपासना के लिए ॐ सत्यलक्ष्म्यै नमः मंत्र का जाप करना चाहिए।

संतानलक्ष्मी

माता लक्ष्मी का सातवां स्वरूप हैं संतानलक्ष्मी माता, इनकी उपासना करने से साधक को उत्तम, स्वस्थ और सुंदर संतान की प्राप्ति होती है।

मंत्र- माता की उपासना के लिए ॐ संतानलक्ष्म्यै नम: मंत्र का जाप करना चाहिए।

गृहलक्ष्मी

माता लक्ष्मी का आठवां स्वरूप है गृहलक्ष्मी माता, इनके पूजन से साधक के घर में कभी भी किसी प्रकार की गृहस्थी की समस्या नहीं होती है और घर में सुख, समृद्धि, शांति और समपन्नता बनी रहती है।

मंत्र- माता की उपासना के लिए ॐ गृहलक्ष्म्यै नम: मंत्र का जाप करना चाहिए।

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