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नगरोटा अटैक –बंधक बनाना चाहते थे आतंकी, सैनिकों की पत्नियों की बहादुरी से ऐसे टला बड़ा खतरा!

जम्मू/नई दिल्ली – उड़ी के बाद जम्मू के नगरोटा में मंगलवार को आतंकियों ने 16 कोर मुख्यालय के निकट सैन्य शिविर पर सबसे बड़ा आतंकी हमला किया। आंतकियों ने कल डबल अटैक किया। जिसमें एक हमला जम्मू के नगरोटा में सेना पर तो दूसरा सांबा में बीएसएफ पर किया। आतंकी हमले से नगरोटा में सात जवान शहीद हो गए। जवाबी कार्रवाई में सेना ने छह आतंकियों को मार गिराया। जबकि सैन्य अफसरों की बीवियों की बहादुरी से बंधक बनाने का संकट भी टल गया। Bravery wives of army officers.

बंधक बनाना चाहते थे आतंकी –

सेना ने अपने बयान में कहा कि मंगलवार की सुबह भारी हथियारों से लैस आतंकी फायरिंग करते हुए और ग्रेनेड फेंकते हुए ऑफिसर्स मेस कॉम्प्लेक्स में दाखिल हो गए। शुरुआती जबावी कार्रवाई में एक अफसर और तीन जवान शहीद हो गए। इसके बाद आतंकवादी पास कि दो इमारतों में दाखिल हो गए, जहां आर्मी ऑफिसर अपने परिवार के साथ मौजूद थे। ऐसे में बंधक संकट जैसी स्थिति पैदा हो गई। इनमें 12 सैनिक, दो महिलाएं और दो बच्चे शामिल थे। त्वरित कार्रवाई करते हुए सभी को वहां से सुरक्षित निकाल लिया गया।

जवानों की पत्नियों ने दिखाई बहादुरी –

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, हमले का पता चला तो कई क्वार्टर्स में रह रहीं अफसरों की पत्नियों ने घरों के दरवाजों को भारी समान से सटाकर बंद कर दिया। इसके चलते आतंकवादी वहां नहीं घुस पाए। आतंकी सैनिकों और अफसरों के परिवारों को बंधक बनाना चाहते थे ताकि वे सरकार और सेना से अपनी बात मना सके।

आर्मी अधिकारी के अनुसार, ‘सेना के अफसरों की पत्नियों ने साहस दिखाते हुए घर के भारी सामानों कि मदद से अपने क्वार्टर में एंट्री को ब्लॉक कर दिया, जिससे आतंकी घर में घुसने में कामयाब नहीं हो सके।’ अफसर ने आगे बताया, ‘अगर इन महिलाओं ने साहस और सुझबुझ नहीं दिखाया होता, तो आतंकवादी उन्हें बंधक बनाने में सफल हो जाते और इससे वे सेना को भारी नुकसान पहुंचा सकते थे।’

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