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उत्तरप्रदेश में तेज़ी से धर्मांतरण करवा रही ईसाई मिशनरियाँ, पुलिस ने कसा शिकंजा, चार हिरासत में

जौनपुर: धर्मांतरण का खेल उत्तरप्रदेश में बहुत तेज़ी से चल रहा है। कभी लव जिहाद की घटनाओं के बारे में सुनने को मिलता है तो कभी ईसाई मिशनरियों द्वारा धर्म परिवर्तन करवाया जाता है। ईसाई मिशनरियों द्वारा ऐसा आज से नहीं बल्कि सदियों पहले से किया जाता रहा है। इतिहास गवाह है कि ईसाई धर्म को एक समय पर ज़बरदस्ती तलवार को नोक पर रखकर फैलाया गया था। हालाँकि आज के समय में ऐसा नहीं होता है। आज लोगों को बहला-फुसलाकर लालच देकर धर्म परिवर्तन करवाया जाता है।

प्रार्थना स्थल पर पुलिस ने जड़ दिया ताला:

धर्म परिवर्तन करवाने वाली ईसाई मिशनरियों पर प्रशासन शिकंजा कसने लगा है। वहीं दूसरी तरफ़ हिंदूवादी संगठन भी तेज़ी से मुखर होने लगे हैं। रविवार को पुलिस की सतर्कता व हिंदूवादी संगठनों के विरोध के चलते तीन स्थानों पर मिशनरियों के एजेंट प्रार्थना सभा नहीं कर पाए। पुलिस ने मिशनरी के चार कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया। जो लोग प्रार्थना सभा में हिस्सा लेने जा रहे थे, उन्हें रास्ते से ही वापस लौटा दिया गया। तो कहीं पर इकट्ठा हुई भीड़ को वापस कर दिया गया। नेवढ़िया के सरैंया गाँव में प्रार्थना सभा स्थल पर पुलिस ने ताला जड़ दिया।

बता दें चंदवक थाने के भूलनडीह दुम्मा के प्रार्थना सभा स्थल को प्रशासन पहले ही सील कर चुका है। रविवार को प्रार्थना स्थल के आस-पास का इलाक़ा पुलिस छावनी बन गया था। सतर्क पुलिस ने प्रार्थना स्थल पर जमा हुए लोगों को पहले ही रास्ते से वापस लौटा दिया। पिछली रविवार को पुलिस को जनता के विरोध का सामना भी करना पड़ा था। हालाँकि इस बार वहाँ पर ऐसा कुछ नहीं हुआ। नेवढ़िया के सरैंया गाँव में में प्रार्थना सभा स्थल में ताला लगाकर पुलिस सुबह से ही डेरा डालकर बैठी हुई थी।

प्रार्थना सभा करवाने आए मिशनरी के एजेंट अशोक रजभर को पुलिस ने हिरासत में भी ले लिया। शामिल होने आए अन्य लोगों को पुलिस ने यह कहते हुए वपस कर दिया कि इसकी अनुमति नहीं है। मुंगराबादशाहपुर के पुरऊपुर में हिंदूवादी संगठनों के विरोध के कारण प्रार्थना सभा नहीं हो सकी। वहाँ जुटे हिंदूवादी संगठनों के कार्यकर्ताओं ने प्रार्थना सभा स्थल पर लगे ईसाई मिशनरी को बोर्ड को हटा दिया और प्रार्थना सभा नहीं होने दी। प्रार्थना सभा में आए हिंदूवादी संगठनों के कार्यकर्ताओं के बीच इस दौरान नोकझोंक भी हुई। जैसे ही इसकी सूचना पुलिस को मिली, मौक़े पर पहुँचकर पुलिस ने तीन लोगों को हिरासत में ले लिया।

आपको बता दें यह पहली बार नहीं है जब प्रदेश में धर्मांतरण की घटनाएँ सामने आयी हैं। इससे पहले भी धर्मांतरण की कई घटनाएँ सामने आ चुकी हैं और इसमें कई लोगों की गिरफ़्तारी भी हो चुकी है। कुछ दिनों पहले ही भूलनडीह से पुलिस ने पाँच पादरियों को पुलिस ने गिरफ़्तार किया था। शांति व्यवस्था क़ायम रखने के लिए पुलिस ने सम्बंधित धाराओं में पुलिस ने चालान कर दिया था। बता दें भूलनडीह गाँव काफ़ी समय से धर्मांतरण के मामले को लेकर सूर्खियों में छाया हुआ है। यहाँ पर असाध्य रोगों को ठीक करने की आड़ में धर्म परिवर्तन कराए जा रहे हैं।

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