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लोकसभा 2019: अमित शाह की मंत्रियों से बैठक, नाराज़ सवर्णों को मनाने की भाजपा की तैयारी

नई दिल्ली: हाल ही में एससी-एसटी और ओबीसी को लेकर किए गए केंद्र के फ़ैसले से मोदी सरकार सवर्ण जातियों के निशाने पर आ गयी है। मोदी सरकार को सवर्ण जातियों की नाराज़गी झेलनी पड़ रही है। सरकार के ख़िलाफ़ बढ़ रही सवर्ण जातियों की नाराज़गी को देखते हुए भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने मंगलवार को कई शीर्ष मंत्रियों के साथ बैठक की। आपकी जानकारी के लिए बता दें अमित शाह की इस बैठक में मोदी सरकार के शीर्ष मंत्री अरुण जेटली, निर्मला सीतारमण, प्रकाश जावड़ेकर, जेपी नड्डा, रविशंकर प्रसाद, पीयूष गोयल और स्मृति ईरानी शामिल थे।

इसके अलावा भाजपा के सांसद भूपेन्द्र यादव, रामलाल और मीनाक्षी लेखी भी इस बैठक में शामिल हुई थीं। सूत्रों के हवाले से मिली ख़बर के अनुसार भाजपा की इस बैठक में सभी शीर्ष नेताओं ने अमित शाह के साथ मिलकर सवर्ण वर्गों की नाराज़गी को लेकर चर्चा की गयी। बैठक के दौरान इस बात पर चर्चा की गयी कि मोदी सरकार की तरफ़ से ओबीसी और दलितों को लेकर किए गए फ़ैसलों से सवर्ण जाति में नाराज़गी फैल रही है। इस नाराज़गी को आख़िर किस तरह दूर किया जा सकता है। भाजपा सरकार यह चाहती है कि सवर्ण जातियों की नाराज़गी को किस तरह से दूर किया जाए, जिससे सवर्ण भी पार्टी के साथ जुड़े रहें।

इसके साथ ही कुछ ऐसे क़दम उठाए जाएँ जिससे देश की ओबीसी, एससी-एसटी जाती के लोग भी नाराज़ ना हों। इसी मामले को लेकर भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने एनडीए के घटक दलों के नेताओं के साथ भी बातचीत की। आपको बता दें केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के ख़िलाफ़ जाकर एससी-एसटी क़ानून लाया था। इस वजह से देश के कई सवर्ण संगठनों द्वारा छः सितम्बर को आहूत की गयी भारत बंद के मद्देनज़र पूरे मध्य प्रदेश में पुलिस अलर्ट जारी कर दी गयी है। इसी वजह से राज्य के तीन जिलों भिंड, मुरैना और शिवपुरी में एहतियात के तौर अर मंगलवार को धारा 144 तत्काल प्रभाव से लागू कर दी गयी जो सात सितम्बर तक प्रभावी रहेगी।

आपको बता दें मध्यप्रदेश में एससी-एसटी एक्ट के ख़िलाफ़ सामान्य, पिछड़ा और अल्पसंख्यक वर्ग अधिकारी, कर्मचारी संस्था (सपाक्स) के द्वारा शुरू किया गया आंदोलन धीरे-धीरे पूरे राज्य में फैलता जा रहा है। प्रशासन को इस बात का डर है कि राज्य में विरोध प्रदर्शन के दौरान दलित समुदाय के युवक प्रदर्शन कर सकते हैं। अगर ऐसा हुआ तो हिंसा की आग और भड़क जाएगी। मध्य प्रदेश के पुलिस महानिरीक्षण (इंटेलीजेंस) मकरंद देउस्कर का कहना है कि, भारत बंद को ध्यान में रखते हुए राज्य के सभी 51 जिलों में पुलिस अधीक्षकों को सतर्क रहने के निर्देश दिया गया है।

शिवपुरी कलेक्टर शिल्पा गुप्ता, भिंड कलेक्टर आशीष कुमार गुप्ता और मुरैना कलेक्टर भरत यादव की तरफ़ से कहा गया है कि मध्य प्रदेश दंड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144 के तहत जान सामान्य को जानमाल की रक्षा और लोक शांति बनाए रखने के लिए राजस्व जिले की सीमा के अंदर प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किया गया है। यह आदेश 4 सितम्बर से अगले आदेश तक जारी रहेगा। केंद्र द्वारा एससी-एसटी एक्ट में संशोधन किए जानें के विरोध में सवर्ण समाज, करणी सेना सहित अन्य संगठन छः सितम्बर को भारत बंद के आह्वान को ध्यान में रखते हुए यह आदेश जारी किया गया है।

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