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ग़लत तरह से 50 करोड़ रुपए का फ़ायदा लेने के मामले में रॉबर्ट वाड्रा के ख़िलाफ़ मुक़दमा दर्ज

नई दिल्ली: कांग्रेस के दामाद के नाम से जानें जाने वाले रॉबर्ट वाड्रा के बारे में किसी को बताने की ज़रूरत नहीं है। रॉबर्ट वाड्रा पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद हैं। आपको बता दें गुड़गाँव में ज़मीन के सौदे के मामले में शनिवार को रॉबर्ट वाड्रा के ख़िलाफ़ मुक़दमा दर्ज किया गया है। इसमें हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हुड्डा और दो रियल एस्टेट कम्पनियों के नाम भी शामिल हैं। यह मामला 10 साल पहले वाड्रा की कम्पनी स्काई लाइट लिमिटेड द्वारा रियल एस्टेट कम्पनियों को ज़मीन और प्रोजेक्ट के लिए लाइसेंस मुहैया कराने से जुड़ा हुआ है।

बताया जा रहा है कि इस सौदे में वाड्रा ने अवैध तरीक़े से 50 करोड़ रुपए का फ़ायदा उठाने की कोशिश की थी। एक न्यूज़ एजेंसी के अनुसार, मानेसर के डीसीपी राजेश कुमार ने बताया कि पुलिस को मेवात निवासी सुरिंदर शर्मा की तरफ़ से शिकायत मिली थी। इसमें ज़मीन सौदे में अनियमितता के आरोप लगाए गए हैं। इसके आधार पर आईपीसी की धारा, 420, 120बाई, 467, 468 और 471 के तहत केस दर्ज किया गया है।

इसके साथ ही आरोपियों पर प्रिवेंशन ऑफ़ करप्शन एक्ट 1988 की धारा भी लगाई गयी है। एफआईआर में कहा गया है कि 2007 में रजिस्ट्रेशन के समय वाड्रा की कम्पनी स्काई लाइट की पूँजी केवल एक लाख रुपए थी। अगले ही साल स्काई लाइट ने 7.5 करोड़ रुपए में ओंकारेश्वर प्रॉपर्टी से सेक्टर-83 में 3.5 एकड़ ज़मीन का सौदा किया था। इससे पहले मई 2015 में हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने हुड्डा सरकार में गुड़गाँव के चार गाँवों में लैंड यूज बदलने की जाँच के लिए जस्टिस एसएन ढींगरा कमीशन का गठन किया गया था।

जनता का ध्यान भटकाने के लिए उछाला गया एक दशक पुराना मामला:

अप्रैल 2017 में जाँच कमीशन ने अपनी रिपोर्ट तैयार कर दी थी। इसमें सामने आया था कि रॉबर्ट वाड्रा ने 2008 के ज़मीन सौदे में बग़ैर कोई पैसा लगाए अवैध तरीक़े से 50 करोड़ रुपए से ज़्यादा का फ़ायदा उठाया था। पुलिस की कार्यवाई के बाद रॉबर्ट वाड्रा ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि, ‘चुनावी मौसम है, तेल के दाम बढ़ गए हैं, इसलिए जनता का ध्यान भटकानें के लिए मेरे एक दशक पुराने मामले को उछाला गया है। इसमें नया क्या है?’ वहीं भाजपा नेता जवाहर यादव ने कहा कि यह हमारी निजी लड़ाई नहीं है। भ्रष्टाचार के ख़िलाफ़ सामूहिक लड़ाई है। केंद्र और राज्य सरकार में भाजपा किसी भी क़ीमत पर भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं कर सकती है।

हो सकती है कांग्रेस की किरकिरी:

आपकी जानकारी के लिए बता दें कांग्रेस की रॉबर्ट वाड्रा की वजह से पहले भी कई बार किरकिरी हो चुकी है। रॉबर्ट वाड्रा के इस नए ख़ुलासे के बाद कांग्रेस की और ज़्यादा किरकिरी होने वाली है। ज्ञात हो कि कांग्रेस सरकार में रॉबर्ट वाड्रा अपने काले कारनामों को बिना किसी डर के अंजाम दिया करते थे, लेकिन भाजपा की सरकार में उनके लिए मुसीबत खड़ी हो गयी है। इसी वजह से वाड्रा काफ़ी समय से चुपचाप थे। वाड्रा इस अवैध तरीक़े से 50 करोड़ का फ़ायदा लेने के मामले के बाद बुरी तरह से तिलमिलाए हुए हैं।

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