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बेसहारा समझकर महिला ने जिसे घर में दी नौकरी, उसकी दो हफ्तों में ही सामने आई सच्चाई

ऊपरवाले ने हर किसी को किसी ना किसी अच्छाई और बुराई के साथ बनाया है जिसमें रहकर कोई भी अच्छा शख्स बुरा और कोई भी बुरा शख्स अच्छा बन सकता है. कुछ ऐसी ही घटना अमेरिका के मिनेसोटा स्टेट से सामने आई है जहां एक इंसान को बड़े-बड़े लोग नहीं समझ पाए वो एक कैफे चलाने वाली लड़की ने समझ लिया. जैसा कि सभी जानते हैं कि अमेरिका ऐसा देश है जहां हर कोई सेल्फ डिपेंडेड होते हैं और अपने आप पर भरोसा रखते हैं, वहीं पर रहने वाली एक लड़की ने कैफे चलाते हुए इंसानियत की ऐसी मिसाल कायम की लोग उसकी तारीफ करते नहीं थक रहे. बेसहारा समझकर महिला ने जिसे घर में दी नौकरी, उसने उस महिला के एहसान को अलग तरीके से उतारा और फिर वो एक बेहतर इंसान बनकर उभरा जबकि उसके पिछले रिकॉर्ड की वजह से कोई उसे काम नहीं देना चाहता था.

अमेरिका के मिनेसोटा स्टेट सेसिया अलिबेग नाम की एक लड़की कैफे चलाती है और उसके ऊपर बहुत सारा काम था जिसके लिए उसे एक साथी की जरूरत थी. मगर वो किसी पर भरोसा नहीं कर सकती थी और उसके पास इतना पैसा तब नहीं था कि वो सैलेरी के बेस पर किसी को काम पर रख सके. उसने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर एक पोस्ट शेयर की जिसमें उसने अपनी एक अच्छे काम की मिसाल कायम करने की बातें लिखी. उसने बताया कि एक शाम एक शख्स उसके पास कुछ पैसे मांगने के लिए आया लेकिन उस अलिबेग ने उसे पैसा देने से मना कर दिया और वापस जाने को कहा. फिर भी वो मान नहीं रहा था और पैसे की लगातार डिमांड कर रहा था तब अलिबेग ने मार्कस नाम के आदमी से कुछ काम करके पैसा कमाने के लिए कहा लेकिन तो उसने कुछ ऐसा बताया जिसे सुनने के बाद अलिबेग ने उसे झट से काम पर रख लिया. जब अलीबेग ने उससे कहा कि तुम कुछ काम करके पैसा कमाओ तो उसने कहा कि वो पहले एक अपराधी था और सजा काट चुका है. जिसके बाद उसे कोई भी काम नहीं देता और भगा देता है, मार्कस की कहानी सुनने के बाद अलिबेग को उसपर तरस आई और उसने उसे काम पर रख लिया. अलिबेग के मुताबिक, ये घटना मार्च, 2016 की है, जब एक शाम सेसिया अबिगेल अपने कैफे में बैठी हुई थी और तभी उसके पास मार्कस नाम का एक बेघर शख्स आया और उससे कुछ पैसे मांगने लगा. अलिबेग ने उसे ये कहते हुए इंकार कर दिया कि ‘तुम्हें पता है कि यहां मुझे कुछ भी फ्री में नहीं मिला है.’ उस शख्स को नौकरी ना मिलने की वजह से मजबूरी में सड़कों पर भटकना पड़ रहा है.

मार्कस की ये स्टोरी सुनने के बाद अलिबेग ने उसे नौकरी दिया हालांकि अलिबेग उसे ज्यादा सैलरी नहीं दे सकती थी और उसका रिकॉर्ड देखते हुए भी वो मार्क्स को काम देना रिस्क का काम था लेकिन उसने रिस्क ले लिया. काम के पहले दिन जब मार्कस कैफे के अंदर आया तो अलिबेग को लगा कि वो उसे सैलेरी कैसे देगी लेकिन फिर भी जब उसने उस शख्स को काम के लिए कहा तो उसकी आंखें खुशी से बड़ी हो गई थीं जो अलिबेग को अच्छा गया. इस पूरे वाक्या को अलिबेग ने फेसबुक पर लिखकर शेयर किया. वो शख्स अपनी दो घंटे की शिफ्ट के लिए टाइम पर आ रहा है और कचरा साफ करने के बाद वो बर्तन धुलने में अलिबेग की मदद करता है. अलिबेग ने लिखा कि जब उसने मार्कस को उसके काम के बदले पैसे दिये तो उसने उसके ही कैफे से कुछ खाने के लिए खरीदा और खुद पेमेंट दिया. अलिबेग खुश थी कि उसने मार्कस को नई नौकरी दी जिसकी वजह से उसे नया आत्मविश्वास मिला और बदल गया.

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