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मज़ेदार तरीके से 2 पीढ़ियों के बीच अंतर दिखाती हैं ये तस्वीरें, देखिये इन तस्वीरों को

आजकल सोशल मीडिया के जरिए हमें अक्सर ऐसी-ऐसी तस्वीरें देखने को मिलती हैं जिन्हें देखकर हम वाह-वाह भी करते हैं और हमारे ठहाके भी छूट जाते हैं. लोग सोशल मीडिया पर फनी तस्वीरें अपलोड करते हैं जो कुछ ही मिनटों में वायरल भी हो जाती है, और लोग अपनी हंसी के पैमाने को रोक नहीं पाते हैं. वैसे आपने तो सुना ही होगा इतिहास अपने आप को एक बार दोहराता है, अगर इस बात पर यकीन ना हो तो आप नीचे दी हुई इन तस्वीरों को देख सकते हैं. आज के समय में व्यक्ति का जीवन नई-नई तकनीकों से घिरा हुआ है लेकिन इन तकनीकों के आने से पहले भी लोग कुछ इसी तरह से जिंदगी जिया करते थे बस उनके तरीके अलग हुआ करते थे. मज़ेदार तरीके से 2 पीढ़ियों के बीच अंतर दिखाती हैं ये तस्वीरें, इन तस्वीरों को देखते हुए आपको भी बहुत मजा आने वाला है.

मज़ेदार तरीके से 2 पीढ़ियों के बीच अंतर दिखाती हैं ये तस्वीरें

1. ये एक शाही परिवार का पुतला है जो बहुत ही पुराना है और अब इस मूर्ति के जरिए दिखाया गया है. आज के समय में भी ब्रिटिश मूल की महारानियों में ये फैशन पाया जाता है.

2. इन तस्वीरों को देखकर आप अंदाजा लगा सकते हैं कि अमेरिका के अलग-अलग राष्ट्रपतियों ने अपनी-अपनी पत्नी के साथ एक जैसा ही व्यवहार किया बस दौर बदलता गया.

3. 80 के दशक में दूध कुछ इस तरह बड़ी-बड़ी सोसाइटीज में जाया करते थे. अब इतने सालों के बाद ऐसे साधन आपको ऑनलाइन शॉपिंग में मिलते हैं वो भी ब्रांडेड.

4. पहले के लोग अपना समय अखबार पढ़कर गुजारते थे और आज के लोग मोबाइल चलाकर गुजारते हैं. इसको आप कह सकते हैं तकनीक वही सोच नई.

5. कई साल पहले मानव जाति के पूर्वज कुछ ऐसे नजर आते थे, फिर जब कैमरे का अविष्कार हुआ तब भी कुछ ऐसा ही देखने को मिला. अब नये दौर में इस तरह की हरकत को पाउट कहा जाता है.

6. पहले के लोगों का तस्वीर खिंचवाने के समय ड्रेसिंग सेंस कुछ इस तरह रहता था और आज के समय के लोग कुछ इस तरह से नजर आते हैं. उनका चेहरा ठीक ही नहीं रहता है कहीं ना कहीं वो टेढ़ा रहता ही है.

7. इस तस्वीर में आप एक तरफ बिल्ली का स्टेचु देख सकते हैं जो मिस्र सभ्यता में बनाया गया था और दूसरी तरफ एक जीती-जागती बिल्ली को देख सकते हैं लेकिन इन दोनों में आप बहुत सी समानता देख सकते हैं.

8. साल 1920 के समय बच्चों के हाथ में आप कुछ ऐसा यंत्र देख सकते थे. उसके बाद आया ये पज़ल जिसे बच्चे घुमाकर सही दिशा में लगाकर अपनी बुद्धि का प्रमाण देते थे. अब आया नये जमाने का पज़ल जिसे आम भाषा में लोग स्पिनर कहते हैं.

9. मिस्र सभ्यता के लोग भाषा के रूप में जिस तरह का चिन्ह प्रयोग में लाते थे वो आज की पीढ़ी इमोज़ी के रूप में जानती है.

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