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जब इंदिरा गांधी विरोध करने के लिए अटल बिहारी बाजपेयी बैलगाड़ी से पहुँचे संसद, जानिये फिर क्या हुआ

पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी के बारे में किसी को कुछ बताने की ज़रूरत नहीं है। इनके राजनीतिक जीवन से लेकर व्यक्तिगत जीवन तक का सफ़र काफ़ी शानदार रहा है। ये ऐसे नेता थे कि जब ये असेंबली में बोलते थे तब विपक्ष भी इनकी बातों को ध्यान से सुनते थे। विपक्ष में रहते हुए इन्होंने सरकार को कई बार मुश्किल में भी डाला था। इसके बावजूद भी विपक्ष इनकी काफ़ी इज़्ज़त करते थे। इनके जीवन के कई ऐसे क़िस्से हैं, जिनके बारे में बहुत कम लोग जानते हैं।

आजतक वाजपेयी के विरोध के तरीक़े को लोग करते हैं याद:

आज पेट्रोल और डीज़ल के दामों में लगातार बढ़ोत्तरी को लेकर भाजपा सरकार घिरी हुई है। पिछले कई महीनों से सरकार इस मामले की वजह से घिरी हुई है। लेकिन एक समय ऐसा भी था जब कांग्रेस की सरकार में पेट्रोल-डीज़ल के दाम बढ़ गए थे। उस समय अलट बिहारी वाजपेयी ने बड़े ही मज़ेदार तरीक़े से तत्कालीन इंदिरा गांधी सरकार का विरोध किया था। आज से 45 साल पहले अटल बिहारी वाजपेयी ने सरकार का विरोध करने के लिए कुछ ऐसा किया, जिसे लोग आजतक याद करते हैं।

इंदिरा गांधी सरकार को करना पड़ा था ग़ुस्से का सामना:

जानकारी के अनुसार अटल बिहारी वाजपेयी पेट्रोल-डीज़ल के दामों में बढ़ोत्तरी होने पर सरकार का विरोध करने के लिए बैलगाड़ी से संसद पहुँच गए थे। उनके इस नए विरोध के तरीक़े को देश की जनता ने ख़ूब पसंद किया था। न्यूयॉर्क टाइम्स की 12 नवंबर 1973 को प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को संसद में विरोधी दलों के ग़ुस्से का सामना करना पड़ा था। बीबीसी की एक रिपोर्ट के अनुसार इस दिन संसद में छह सप्ताह तक चलने वाले शीतकालीन सत्र की शुरुआत हुई थी।

घोड़ा गाड़ी से घूमकर दे रही थी पेट्रोल-डिजल बचाने का संदेश:

पेट्रोल, डीज़ल के दामों में बढ़ोत्तरी को लेकर उस समय इंदिरा गांधी के सामने विपक्षी दलों में भारी मुसीबत खड़ी कर दी थी। लेफ़्ट और अन्य विपक्षी दलों ने इंदिरा गांधी से इस्तीफ़े की माँग की थी। उस समय भाजपा का अस्तित्व नहीं था। भाजपा को जनसंघ के नाम से जाना जाता था। जनसंघ के नेता अटल बिहारी वाजपेयी और अन्य दो सदस्य बैलगाड़ी से संसद पहुँचे थे। इसके अलावा कई अन्य लोग विरोध प्रदर्शन करने के लिए संसद में साइकिल से गए थे। वहीं कई लोग पेट्रोल-डीज़ल की कमी में इंदिरा गांधी को घोड़ा गाड़ी से चलने का भी विरोध किया था। उस समय इंदिरा गांधी लोगों से पेट्रोल-डीज़ल बचाने का संदेश देने के लिए घोड़ा गाड़ी से यात्रा करती थीं।

कर दी गयी है इलाक़े की बैरिकेडिंग:

तेल संकट के समय तेल बेचने वाले देशों ने भारत को कच्चा तेल भेजना कम कर दिया था। इसी वजह से इंदिरा गांधी सरकार ने तेल की क़ीमतों में लगभग 80 प्रतिशत की वृद्धि कर दी थी। इसी वजह से इंदिरा की सरकार सबके निशाने पर आ गयी थी। अब एम्स की मेडिकल बुलेटिन से पता चला है कि अटल बिहारी की तबियत बहुत नाज़ुक बनी हुई है। देशभर में कई जगहों पर इनकी सलामती के लिए दुआ की जा रही हैं। वहीं एम्स में लगातार देश के बड़े-बड़े नेताओं का आना-जाना लगा हुआ है। जानकारी के अनुसार शाम को एम्स की तरफ़ से एक और बुलेटिन जारी किया जाएगा, उसके बाद ही अटल बिहारी बाजपेयी की हालत के बारे में पता चल पाएगा। सुरक्षा की दृष्टि से इलाक़े की बैरिकेडिंग भी कर दी गयी है।

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