अध्यात्म

वराह पुराण के अनुसार पूजा के दौरान ये बातें मानी गयी है निषेध, करने वाले को लगता है पाप

हिंदू धर्म में देवी-देवताओं को प्रसन्न करने के लिए लोग पूजा पाठ करते हैं। हिंदू धर्म की मान्यता के अनुसार 33 करोड़ देवी-देवताओं के बारे में बताया गया है। सभी 33 करोड़ देवी-देवताओं की कहीं ना कहीं पूजा की जाती है। कहा जाता है कि पूजा-पाठ करने से व्यक्ति की सोच सकारात्मक होती है, जिससे वह अच्छे काम करता है। इसके साथ ही देवी-देवताओं के आशीर्वाद से उसका जीवन भी सँवर जाता है। हर व्यक्ति अपने मन की शांति के लिए किसी ना किसी देवी-देवता का ध्यान करता ही है।

हिंदू धर्म में लोग देवी-देवताओं की पूजा करने के लिए मंदिर में जाते हैं। कहा जाता है कि मंदिर में देवी-देवताओं की पूजा करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है। इसके साथ ही मंदिर के आस-पास के माहौल में सकारात्मकता होती है, जिससे व्यक्ति का मन प्रसन्नता से भर जाता है। आप कितने भी दुखी क्यों ना हों एक बार मंदिर के परिसर में घुसते ही आपका मन प्रसन्नता से भर जाता है। मन के सभी नकारात्मक ख़याल निकल जाते हैं और व्यक्ति अच्छा सोचने लगता है। इस वजह से व्यक्ति जीवन में अच्छा करता भी है।

अक्सर आपने देखा होगा कि कई बार आप पूजा करते हैं लेकिन उसका फल नहीं मिल पाता है। ऐसे में समझ में नहीं आता है कि आख़िर ग़लती कहा हुई है, जिसकी वजह से आपको पूजा-पाठ का फल नहीं मिल रहा है। अगर ध्यान से देखा जाए तो पता चलता है कि पूजा के दौरान आपसे कई छोटी-छोटी ग़लतियाँ हो जाती हैं, जो शास्त्रों के अनुसार नहीं होनी चाहिए। हिंदू धर्म शास्त्रों में बताया गया है कि पूजा के दौरान कौन-कौन सी ग़लतियों को करने से बचना चाहिए। भगवान वराह ने वराह पुराण में पूजा के समय निषेध कामों के बारे में बताया है। आज हम आपको उन्ही बातों के बारे में बताने जा रहे हैं।

पूजा के दौरान निषेध हैं ये काम:

*- ग़लत काम से कमाए गए पैसे से भगवान की पूजा करने पर फल मिलने की बजाय दोष लगता है। इसलिए ऐसा करने से बचना चाहिए।

*- भूलकर भी कभी नीले या काले रंग के कपड़े पहनकर पूजा नहीं करनी चाहिए।

*- अगर आपने किसी शव को स्पर्श किया है तो बिना स्नान किए पूजा नहीं करनी चाहिए। यह पाप माना जाता है।

*- सम्भोग करने के पश्चात बिना स्नान किए पूजा करना भी पाप माना जाता है। यह एक बड़ा अपराध माना गया है।

*- ग़ुस्से में हैं तो भगवान की पूजा ना करें, इससे फल मिलने की बजाय आपको भगवान का शाप मिलता है।

*- अंधेरे में भगवान की मूर्ति को छूना या उसकी पूजा करना किसी अपराध से कम नहीं है। इसलिए पूजा करने से पहले भगवान के समक्ष दीपक जला देना चाहिए।

*- घंटी या शंख की आवाज़ के बिना पूजा स्वीकार नहीं की जाती है।

 

 

 

*- अगर आप कुछ खाते हैं और बिना पानी पीए या बिना कुल्ला किए पूजा करते हैं तो भी वह स्वीकार नहीं होती है।

इसलिए वराह पुराण के अनुसार पूजा करते समय इन बातों का ध्यान रखना बहुत ही ज़रूरी होता है। ऐसा ना करने वाले को पूजा का फल नहीं मिलता है और भगवान का आशीर्वाद भी प्राप्त नहीं होता है।

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