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भारत लौटने को तैयार हुआ विजय माल्या, पीएम मोदी के इस मास्टरस्ट्रोक ने किया मजबूर

नई दिल्ली: भगौड़े विजय माल्या के बारे में किसी को कुछ बताने की ज़रूरत नहीं है। अपनी ऐयशी भरी ज़िंदगी के लिए यह हमेशा से ही चर्चा का विशयन बना रहा है। अपनी बेटी की उम्र की लड़कियों के साथ ऐयशी करने वाला विजय माल्या आख़िरकार देश को चूना भी लगा गया। बैंकों का लगभग 9000 करोड़ रुपया लेकर देश छोड़कर भागने वाले विजय माल्या के बारे में इस समय देश का बच्चा-बच्चा जानता है। एक समय था जब लोग विजय माल्या को उसकी रईसी की वजह से जानते थे, लेकिन आज लोग विजय माल्या को भगौड़े के रूप में जानते हैं।

ED के अधिकारियों से की भारत आने की इच्छा ज़ाहिर:

देश छोड़कर लंदन भागने के बाद विजय माल्या को कई बार सार्वजनिक जगहों पर देखा गया था, लेकिन उस देश के क़ानून के हिसाब से उसे हाथ नहीं लगाया जा सकता था। भारतीय बैंकों ने विजय माल्या के ख़िलाफ़ ब्रिटेन की कोर्ट में केस किया और कोर्ट ने बैंकों के पक्ष में फ़ैसला दिया। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार कुछ दिन पहले विजय माल्या ने भारत लौटकर मुक़दमे का सामना करने की इच्छा ज़ाहिर की थी। पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार माल्या ने इंफ़ोर्समेंट डायरेक्ट (ED) के अधिकारियों से भारत आने की इच्छा ज़ाहिर की है।

माल्या के इस नए रूख पर भारत में कई लोगों ने हैरानी जताई है। लोग यह सोचकर हैरान हैं कि क़ानूनी कार्यवाई से बचने के लिए जी व्यक्ति देश छोड़कर भाग गया आख़िर वह क्यों दुबारा भारत आना चाहता है और यहाँ आकर मुक़दमों का सामना करना चाहता है? अचानक से ऐसा क्या हो गया कि उसका मन बदल गया। आपकी जानकारी के लिए बता दें इसमें माल्या का हृदय परिवर्तन नहीं हुआ है बल्कि मोदी सरकार की तरफ़ से पारित फ़्यूज़िटिव इकोनॉमिक अफ़ेंडर्स अर्डिनेंस यानी आर्थिक अपराध करने वाले भगौड़े से जुड़ा अध्यादेश माल्या को भारत आने पर मजबूर कर रहा है।

आर्थिक अपराध करके भागने वाले की कर ली जाएगी सम्पत्ति ज़ब्त:

देश में वापस ना आने की स्थिति में यह क़ानून अधिकारियों को माल्या की देश-विदेश की सभी चल-अचल सम्पत्तियों को ज़ब्त करने का धिकार देता है। अब भला ऐसे में माल्या के पास कोई और रास्ता भी तो नहीं बचा। आज हम आपको इस क़ानून के बारे में कुछ बताने जा रहे हैं। अगर माल्या भारत नहीं आता है तो उसके साथ क्या-क्या हो सकता है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इस अध्यादेश के अनुसार अगर कोई व्यक्ति आर्थिक अपराध करके देश छोड़कर भाग जाता है तो उसकी सम्पत्ति ज़ब्त कर ली जाएगी।

इस अध्यादेश को केंद्रीय कैबिनेट ने इसी साल अप्रैल में मंज़ूरी दी थी। मार्च में बजट सत्र के दौरान इसे बिल के रूप में लोकसभा में पेश किया गया था। विरोध की वजह से इसे उस समय पास नहीं करवाया जा सका था। इसके बाद सरकार ने इसे अध्यादेश के रूप में लागू करने का फ़ैसला किया। इस अध्यादेश के लागू होने के बाद आर्थिक अपराध करके भागे विजय माल्या, निरव मोदी और मेहुल चोकसी जैसे लोगों की सम्पत्ति ज़ब्त की जा सकेगी।

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