राजनीति

देश में गद्दार – सीक्रेट डॉक्युमेंट्स का करता था लेनदेन, ISI को भेजता था भारतीय सेना की डिटेल; बनवा रखा था आधार कार्ड

नई दिल्लीः देश में पाकिस्तान के जासूसी के एक बड़े  रैकेट का पर्दाफाश हुआ है। दिल्ली पुलिस ने आज पाक हाई कमीशन के वीजा सेक्शन में काम करने वाले स्टाफर महमूद अख्तर को चिड़ियाघर में रंगे हाथ धर दबोचा। उसके साथ दो और भारतीय नागरिकों को भी अरेस्ट किया गया है। भारत सरकार ने देश में जासूसी करने और गोपनीय रक्षा दस्तावेज चुराने के आरोपी पाकिस्तानी उच्चायोग के कर्मचारी को देश छोड़ने का आदेश दिया है।  

कब से हो रही थी जासूसी –

दिल्ली पुलिस ने पाकिस्तानी उच्चायुक्त के एक अफसर को गोपनीय दस्तावेजों के साथ हिरासत में लेकर पूछताछ के बाद रिहा कर दिया। अब उसे देश छोड़ने का आदेश जारी किया गया है। इसके अलावा दो पाकिस्तानी जासूसों को भी गिरफ्तार किया गया है, जिनके नाम मौलाना रमजान और सुभाष जहांगीर हैं। ये दोनों डेढ़ साल से पाकिस्तानी हाई कमीशन से जासूसी कर रहें थे। दिल्ली पुलिस 6 महीने इनकी से हर मूवमेंट को ट्रेस कर रही थी।

 

पाक आर्मी में था जासूस –

जेपीसी रविंद्र यादव ने बताया कि रमजान और सुभाष को पाक उच्चायुक्त को खुफिया जानकारी देने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। दोनों राजस्थान के नागौर के रहने वाले हैं। यह रैकेट एक साल से सक्रिय था। इनके पास से डिफेंस से जुड़े मैप, बीएसफ अधिकारियों की लिस्ट और कई वीजा बरामद हुआ है।

दिल्ली पुलिस ने बताया कि दिल्ली स्थित पाक उच्चायुक्त का अधिकारी पहले पाकिस्तान की आर्मी में था। अधिकारी ने बताया कि अख्तर पहले पाक आर्मी की बलूच रेजिमेंट में हवलदार के पद पर तैनात था।

दस्तावेज बरामद –

जानकारी के मुताबिक, आईबी को खुफिया सूचना मिली थी कि पाकिस्तानी उच्चायुक्त के अफसर महमूद अख्तर के पास भारत के गोपनीय दस्तावेज हैं। इसके बाद आईबी ने दिल्ली पुलिस को सूचित किया। पुलिस ने अख्तर को हिरासत में लेकर पूछताछ किया। इसके बाद दो पाक जासूसों रमजान और जहांगीर को गिरफ्तार किया गया।

इस मामले में भारतीय विदेश मंत्रलाय ने पाक राजदूत अब्दुल बासित को भी तलब किया। पकड़े गए दोनों जासूसों के पास से सेना के दस्तावेज, बीएसएफ तैनाती के नक्शे और वीजा संबंधित कागजात बरामद हुए हैं। ये पैसों के लिए आईएसआई के लिए जासूसी का काम करते थे।   

पहले भी हुई है पाक जासूसों की गिरफ्तारी –

नंवबर 2015 में पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी से जुड़े जासूसों का पता चला था। तब इस मामले में थल और वायुसेना में कार्यरत कुछ लोगों सहित 10-12 लोगों को गिरफ्तार किया गया था। उनसे पूछताछ में पता चला था कि पाकिस्तानी उच्चायुक्त का कोई शख्स इस जासूसी में शामिल है। इस जानकारी के बाद से ही पुलिस पाकिस्तानी मिशन के कुछ कर्मचारियों पर नजर रखे हुए थी। 

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