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दिल्ली सरकार का बड़ा फरमान ‘सरकारी गाड़ी का इस्तेमाल सिर्फ सरकारी कामों के लिए करे अधिकारी’

सरकारी गाड़ी का इस्तेमाल यूं तो सिर्फ सरकारी कामों के लिए ही करने का नियम है, लेकिन आजकल कई ऐसे मामले देखने को मिलते हैं जब नौकरशाह सरकारी गाड़ी का इस्तेमाल निजी कामों के लिए भी करते हुए नजर आते हैं, जिसकी वजह से समाज कल्याण विभाग ने एक आदेश दिया है, जिसके बाद दिल्ली में अब कोई अफसर किसी भी निजी काम के लिए सरकारी गाड़ी का इस्तेमाल नहीं करेंगे। दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने सभी नौकरशाहोंं को यह आदेश दिया कि सरकारी गाड़ियों का इस्तेमाल न करें, इसके लिए हर नौकरशाह को हर महीने शपथ पत्र लिखित तौर पर देना होगा। तो चलिए जानते हैं कि हमारे इस रिपोर्ट में क्या खास है?

आपको बता दें कि समाज कल्याण विभाग ने एक आदेश में कहा कि यह सूचित किया जाता है कि सभी अधिकारी जो सरकारी गाड़ी का इस्तेमाल करते हैं उन्हें हर महीने की 20 तारीख तक यह शपथ पत्र देना होगा कि आधिकारिक गाड़ी का इस्तेमाल सिर्फ सरकारी काम के लिये किया गया न कि घर से दफ्तर और दफ्तर से घर आने के लिये, यह कदम इसलिए उठाया गया है, क्योंकि दिल्ली सरकार ने एक जांच पाया कि कुछ अधिकारी निजी कामों के लिए सरकारी गाड़ी का इस्तेमाल कर रहे हैं।

सरकार ने अपने एक रिपोर्ट में कहा कि कुछ लोग सरकारी गाड़ी का इस्तेमाल निजी कामों के लिए कर रहे हैं, इसके बावजूद को परिवहन खर्च भी मांगते हुए नजर आ रहे हैं, ऐसे में इस पर एक्शन लेते हुए दिल्ली सरकार ने यह फऱमान जारी किया है कि सभी अधिकारियों को हर महीने की 20 तारीख को अपना परिवहर खर्च का लेखा जोखा लेखा विभाग को देना होगा, इसके बाद हर महीने शपथ पत्र में भी यह लिखा होना चाहिए कि सरकारी गाड़ी का इस्तेमाल सिर्फ सरकारी कामों के लिए ही किया गया।

बताते चलें कि नियमों के अनुसार, कार की सुविधा लेने वाले अधिकारी सरकारी गाड़ी का इस्तेमाल अपने व्यक्तिगत कामों के लिये नहीं कर सकते, ऐसा करता हुआ अगर कोई भी अधिकारी पाया गया तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाती है। ऐसे में एक अधिकारी का कहना है कि इस शपथ पत्र से यह सुनिश्चित होगा कि अधिकारी सरकारी वाहनों का इस्तेमाल घर से दफ्तर और दफ्तर से घर आने-जाने के लिये न करें, ताकि सरकारी अधिकारी किसी भी तरह का लाभ उठाता हुआ न पाया जाए, इससे सरकार की छवि काफी हद तक साफ रहती है। इस तरह के आर्डर हर राज्य में होना चाहिए।

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