राजनीति

भारत में चीनी उत्पादों बहिष्कार से चीन की आर्थिक स्थिति डगमगाई,चीन ने ठहराया पाकिस्तान को दोषी!

इस बार की दिवाली पहली दिवाली होगी जब चीनी उत्पादों का वहिष्कार किया जायेगा । पहले बिना चीनी सामानों के दिवाली पूरी होती ही नहीं थी। ऐसा शायद ही कोई घर होता था जहाँ पर चीन की बत्तियाँ और झालर नहीं लगे होते थे। चीन के सामान सस्ती कीमत पर मिल जाते थे जिस वजह से लोग उनका ज्यादा इस्तेमाल करते थे। चीनी उत्पादों के बगैर भारत का कोई भी त्यौहार अधुरा लगता था।

होली की रंग और पिचकारी से लेकर दिवाली के झालर और पटाखे सभी चीन के ही होते थे। लेकिन इस बार मामला थोड़ा अलग है, इस बार देश के लोगों के चीनी उत्पादों का वहिष्कार कर दिया है। सभी देशवासियों ने मिलकर यह निर्णय लिया है कि इस बार दिवाली पर देशी चीजों का प्रयोग किया जायेगा। चीन की झालर- बत्ती की जगह मिट्टी के दीयों का प्रयोग किया जायेगा।

पाकिस्तान का साथ देने पर भारतीय खफा:

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भारत और पाकिस्तान के रिश्तों के बारे में बताने की जरुरत नहीं है। उरी में हुए आतंकी हमले में 19 जवान शहीद हो गए। उसका बदला भारत ने पाकिस्तान के POK में घुसकर कई आतंकियों को मारकर लिया। इसके बाद पाकिस्तान और भारत में दुश्मनी और बढ़ गयी। इधर दोनों की दुश्मनी का फायदा चीन उठाना चाहता था और पाकिस्तान के साथ मिलकर भारत के प्रति अपनी कुटनीतिक चाल चल रहा था। भारत को चीन की इस नापाक करतूत का पता चल गया। फिर क्या था भारत में चीन के उतापादों का वहिष्कार किया जाने लगा।

पिछले दिनों बकायदा सोशल मीडिया पर इसके लिए अभियान चलाया जा रहा था कि चीनी उत्पादों का वहिष्कार करके देशी उत्पादों का उपयोग शुरू कीजिये। चीन को भारत के इस कदम से बहुत ज्यादा नुकसान उठाना पड़ रहा है। चीन अपना माल भारत में भेजना चाहता है लेकिन उसका माल वापस चीन में ही पहुँच जा रहा है। चीन को भारतीय बाजार में माँग घटने की वजह से 45% का नुकसान उठाना पड़ रहा है। हालांकि अभी भी भारत की पूरी जनता ने चीनी उत्पादों का वहिष्कार  नहीं किया है, क्योंकि चीनी उत्पाद बहुत ही सस्ते होते हैं। तब क्या होगा जब पूरा देश चीन के किसी भी उत्पाद का प्रयोग नहीं करेगा। चीन तो दिवालिया हो जायेगा।

भारत चीनी उत्पादों का सबसे बड़ा उपभोक्ता देश है (चीनी उत्पादों का वहिष्कार) :

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दरअसल भारत चीनी उत्पादों का सबसे बड़ा उपभोक्ता देश है, जबकि पाकिस्तान उसके आगे कुछ भी नहीं हैं। चीन ने अगर पाकिस्तान के पक्ष में नहीं बोला होता तो शायद यह नौबत नहीं आती, लेकिन चीन ने पाकिस्तान के समर्थन में बोलकर अपने लिए मुसीबत खड़ी कर ली है। चीन पाकिस्तान के पक्ष में इसलिए बोलता है क्योंकि चीन पाक- चाइना कॉरिडोर के जरिये पाकिस्तान पर कब्ज़ा करने की चाल चल रहा है। कुछ दिनों पहले पाकिस्तानी मीडिया में यह बात उठी भी थी कि अगर नवाज सरीफ सतर्क नहीं हुए तो वह दिन दूर नहीं जब पाकिस्तान गुलाम बन जायेगा। पाकिस्तानी संसद में यह बात खूब उठ रही थी कि पाकिस्तान को अपने हितों के साथ समझौता नहीं करना चाहिए। चीन की नजर में पाकिस्तान गुलाम बनाने के लिए सही देश है, इसीलिए हर समय चीन उसका पक्ष लेता रहता है।

चीन भारतीय बाजार पर कब्ज़ा करना चाहता है, लेकिन वो भूल गया है कि उसके जैसे कई शूरमा इस देश में बैठे हुए हैं जो उसकी हर चल से वाकिफ हैं। अगर चीन भारत को भी पाकिस्तान की तरह कमजोर समझता है तो यह उसकी भूल है। चीन अपने उत्पाद पाकिस्तान में इसलिए नहीं लाँच करता है क्योंकि वह उसकी लागत भी नहीं निकल पाती है जबकि भारत में उसके उत्पादों की अच्छी कीमत मिल जाती है और खपत भी पाकिस्तान की अपेक्षा कई गुना ज्यादा होता है।

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