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पाक संसद ने नवाज़ को चेताया, “आपके चक्कर में चीन बना लेगा पाकिस्तान को गुलाम”

पाकिस्तान के बुद्धजीवी इस बात से घबराने लगे हैं कि कहीं आने वाले समय में वह चीन का गुलाम ना बन जाएं। भारत की तरह ही पाकिस्तान में भी संसद का अपर हाउस है, और वह के बुद्धजीवी सदस्य इस बात की आशंका जाता रहे हैं कि हो सकता है आने वाले समय में चीन पाकिस्तान को अपना गुलाम बना ले। ऐसे में सबसे ज्यादा जरुरत है कि पाकिस्तान अपने हितों की स्वयं ही रक्षा करे नहीं तो चीन अपने बड़े प्रोजेक्ट चाइना- पाकिस्तान कॉरिडोर (CPEC) की मदद से पुरे पाकिस्तान को अपना गुलाम बना लेगा। CPEC पाकिस्तान की दूसरी ईस्ट इंडिया कंपनी बन सकती है।

पाकिस्तान में प्लानिंग और डेवलपमेंट पर बनी सेनेट स्टैंडिंग कमेटी के चेयरमैन ताहिर मसादी कहते हैं कि, अगर पाकिस्तान ने अपने राष्ट्रीय हितों की खुद ही रक्षा नहीं करता है तो हमें हमें पाकिस्तान और चीन की दोस्ती पर नाज़ करना चाहिए लेकिन उसके लिए देश के राष्ट्रीय हितों को ताक पर नहीं रखा जाना चाहिए। कमेटी के अन्य सदस्य इस बात से परेशान है कि प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ की सरकार देश के लोगों के अधिकारों और उनके हितों को लगातार नज़रअंदाज़ कर रही है जिसका खामियाज़ा लोगों को भुगतना पड़ सकता है।

इंग्लैंड ने भारत को ईस्ट इंडिया कंपनी के जरिये अपना उपनिवेश बनाया था, चीन बना लेगा पाकिस्तान को गुलाम

कमेटी के सदस्यों ने आशंका जताई है कि जैसे इंग्लैंड ने भारत को ईस्ट इंडिया कंपनी के जरिये अपना उपनिवेश बनाया था, और पुरे भारत पर सैकड़ों सालों तक राज किया। चीन भी वही पाकिस्तान के साथ कर रहा है। चीन CPEC की मदद से आने वाले दिनों में पाकिस्तान के ऊपर राज करने की सोच रहा है। अगर ऐसा हुआ तो 21 वीं सदी में गुलाम बनने वाला पाकिस्तान पहला देश होगा, जो पाकिस्तान के लिए किसी भी तरह से अच्छा नहीं है।

पाकिस्तानी प्लानिंग कमीशन के सेक्रेटरी यूसुफ नादिम कहते हैं कि देश के सभी बुद्धजीवियों ने अपने- अपने स्तर पर डर ज़ाहिर किया है। लोगों का मानना है कि CPEC में चीनी निवेश और अन्य निवेशों की जगह स्थानीय लोगों के पोषण के लिए जो पैसा है वह लगाया जा रहा है। बुद्धजीवियों ने डर जताया है कि CPEC के पॉवर प्रोजेक्ट के पॉवर टैरिफ भी चीन खुद ही तय करेगा, पाकिस्तान की इसमें कोई भूमिका नहीं होगी। अगर ऐसा ही हुआ तो हर चीज का मालिक चीन ही होगा ना कि पाकिस्तान। इससे पहले बलूचिस्तान भी CPEC का काफी विरोध करता रहा है, उन्हें भी इसी बात का डर था कि चीन पाकिस्तान के प्राकृतिक संसाधनों पर कब्ज़ा करना चाहता है।

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