रिलेशनशिप्स

शादीशुदा महिला और कम उम्र के लड़के की इस प्रेम कहानी को पढ़ कर आपका हृदय भी पिघल जाएगा!

कभी कभी हम इंसानों की जिंदगी में छोटे छोटे रिश्ते भी काफी ख़ास बन जाते हैं. ना चाहते हुए भी कईं बार हमारी जिंदगी में ऐसा पढाव आ जाता है जिसका सामना करने में हमे लाख बार समाज के बारे में सोचना पड़ता है. बहुत सारी प्रेम कहानीयां शुरू होने से पहले ही ख़तम हो जाती है. इसका कारण हमारे समाज का चाल चलन है. क्यूंकि, बहुत बार हमे अपने दिल की बजाए सोसाइटी की सुनते हैं और यही सब सोच कर अपने दिल पर पत्थर रख लेते है और इसी के चलते हमे अपनों को पीछे छोड़ कर आगे बढ़ना पड़ता है. आज हम आपके लिए एक ऐसी ही महिला की कहानी लेकर आए है, जिसको समाज के चलते अपना सच्चा प्यार हर बार पीछे छोड़ना पडा. तो चलिए जानते हैं इस सच्ची प्रेम कहानी घटना को महिला की जुबानी-

मैं जैसे जैसे बचपन से जवानी में कदम रख रही थी वैसे वैसे ही मेरे आशिकों की लिस्ट भी बढ़ती जा रही थी. मैं हमेशा से एक ऐसा पार्टनर अपनी जिंदगी में चाहती थी जो मेरी फीलिंग्स की कद्र करें और मुझे समझे. हालाँकि, जिंदगी में सब कुछ सही चल रहा था लेकिन फिर भी कुछ ना कुछ कमी महसूस हो रही थी. आखिरकार मेरा स्कूल पूरा हुआ और मैंने कॉलेज में एडमिशन ले लिया. यहां मेरे काफी दोस्त बने और यही मेरे बेस्ट फ्रेंड ने मुझे एक संजय नामक व्यक्ति से मिलवाया.

पहले तो मैं संजय की और काफी आकर्षित होती चली गई मगर जब मुझे उसके प्लेबॉय नेचर के बारे में पता चला तो मैंने बिना समय गवाएं उससे दूरियां बना ली. यह तो भगवान का शुक्र है जो मैंने उस लड़के पर अपना ज्यादा समय खराब नहीं किया. धीरे-धीरे वक्त गुजरता गया और एक दिन मैं किसी और से मिली. दरअसल इस बार जो खास इंसान मुझे मिला वह कहीं और नहीं बल्कि सोशल नेटवर्किंग साइट पर मिला था. उस से चैटिंग करते-करते मुझे उससे प्यार हो गया.

आखिरकार फिर हम मिले

काफी मंथ की लगातार चैटिंग के बाद आखिरकार हमने एक दूसरे से मिलने का फैसला कर लिया. हम पहली बार मिल रहे थे. मैंने नोटिस किया कि उसका नेचर काफी फिल्मी टाइप का था. वह कब से बैठा मेरी तारीफों के पुल बांधे जा रहा था और अपनी फीलिंग्स का एहसास करवा रहा था. हालांकि मैं बहुत खुश थी मगर यह खुशी मेरे लिए ज्यादा समय की मेहमान नहीं थी. क्योंकि मेरे पेरेंट्स ने मेरे लिए रिश्ता देखना शुरु कर दिया था.

ऐसे हुआ कहानी का अंत

आखिरकार एक दिन मेरा रिश्ता मेरे पेरेंट्स ने तय कर दिया. मैंने उसे सब कुछ बता दिया और 8 महीने के इस प्यारे से रिलेशनशिप को खत्म कर दिया. उसने भी मेरी भावनाओं की कद्र की और मुझे समझते हुए मेरा साथ दिया और प्रेस बुरी चीजों को खत्म कर दिया. जिसके बाद 2010 के आसपास मेरी शादी हो गई और अब मैं एक 5 साल की बच्ची की मां हूं. आज भी वह मेरे कांटेक्ट में है और मेरे साथ सच्चा दोस्त बनकर रहता है. शायद पहले प्यार के कारण मैं उसको कभी भूल नहीं पाऊंगी.

सब कुछ बदल गया

शादी के बाद मेरी जिंदगी काफी बदल गई मैंने अपने आप को खो सा दिया. मैं इस काबिल नहीं थी कि अपने ससुराल वालों को अपनी फीलिंग समझा सकूं इसलिए मैंने हर चीज में दिलचस्पी लेना बंद कर दिया यहां तक कि मैंने खुलकर हंसना भी बंद कर दिया. मैं बेहद खुश मिजाज किसम की लड़की थी मगर अब मैं काफी सीरियस हो चुकी थी या यूं कह लीजिए कि एक मुरझाए हुए फूल की तरह ही मई भी मुरझा चुकी थी.

और फिर मुझे वो मिला

एक दिन मेरे पड़ोस में एक लड़का रहने आया मुझे किसी ने बताया कि वह मेरी उम्र से काफी छोटा है मगर अक्सर मुझे नोटिस करता है. मैंने उस पर कभी ध्यान नहीं दिया था. मगर जब मेरी दोस्त ने बताया कि वह दिखने में बेहद हैंडसम और खूबसूरत है तो मैंने उसको नोटिस करना शुरु कर दिया.

मैं उससे फ्लर्ट करने लगी

मैं जब भी उसको देखती तो मुझे अपने कॉलेज के दिन याद आ जाते. एक दिन मैं मार्केट से गुजर रही थी तो वहां पर मैंने उसे देखा जो मुझे घूर घूर कर देख रहा था. फिर मैंने उसे सोशल मीडिया पर स्टॉक किया और एक दिन उसको Facebook पर फ्रेंड रिक्वेस्ट भेज दी. धीरे-धीरे हम अच्छे दोस्त बन गए और रात रात भर चैटिंग करने लगे. मैं उससे फ़्लर्ट भी करने लगी थी. परंतु उसने कभी मेरी फ्लर्टिंग का फायदा नहीं उठाया.

उसने अपनी फीलिंग्स बताई

आखिरकार एक दिन उसने मुझे प्रपोज कर दिया और बताया कि वह मुझ में अपनी गर्लफ्रेंड ढूंढता है. परंतु उसने अपनी बातों को लंबी सांस लेते हुए बदल दिया. मैंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि वह मेरे लिए ऐसा महसूस कर सकता है.

शायद मेरा भ्रम था

धीरे-धीरे मैं भी उसकी ओर आकर्षित होने लगी और उसे लाइक करने लगी. वह मेरे लिए एनर्जी ड्रिंक के समान था जिसके साथ रहते-रहते मैं उसकी आदी हो चुकी थी. एक दिन मैंने उससे पूछ लिया कि आख़िर मुझ में ऐसा क्या है जो तुम मुझे पसंद करते हो? लेकिन इसका जवाब उसने बेहद चौंकाने वाला दिया. मैंने सोचा भी नहीं था कि उसका जवाब इतना अजीब हो सकता है. धीरे-धीरे उसने मुझे नजरअंदाज करना शुरू कर दिया और मुझ से दूर होता चला गया. मैं आज तक नहीं समझ पाई कि उसने आख़िर मुझ में ऐसा क्या देखा था जो मुझे पहले चाहा और फिर कुछ ही पलों में छोड़ भी दिया. शायद वह मेरी खुशियों का एक भ्रम था जिस पर हम से मैं कभी बाहर नहीं निकल पा रही थी यान फिर जिस भ्रम से मैं कभी निकलना ही नहीं चाहती थी.

नोट: यह कहानियां रियल लाइफ एक्सपीरियंस से जुड़ी हुई है अगर आप भी ऐसे ही कोई एक्सपीरियंस शेयर करना चाहे तो हम से संपर्क कर सकते हैं.

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