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राष्ट्रपति अभिभाषण के बाद लोकसभा में पेश हुआ आर्थिक सर्वे, ये रहीं मुख्य बातें

सोमवार से संसद का बजट सत्र से शुरू हुआ और हमेशा की तरह इसके पहले दिन राष्‍ट्रपति अभिभाषण के बाद लोकसभा में वित्‍त मंत्री द्वारा आर्थिक सर्वे किया गया। ऐसे में जहां राष्ट्रपति के तौर पर रामनाथ कोविंद ने अपना पहला बजट भाषण दिया वहीं वित्त मंत्री अरूण जेटली ने 2018-19 की आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट लोकसभा में पेश की.. चलिए जानते हैं राषट्रपति अभिभाषण और आर्थिक सर्वे की मुख्य बातें..

आपको बता दें कि किसी बजट से पहले संसद में वित्त मंत्री देश की आर्थिक दशा की तस्वीर पेश करते हैं जिसे आर्थिक सर्वे कहते हैं। इस सर्वे में जहां एक तरफ पिछले साल की आर्थिक प्रगति का लेखा-जोखा मिलता है कि पिछले 12 महीने के दौरान देश में विकास का ट्रेंड क्या रहा, देश के किस क्षेत्र में कितना निवेश हुआ और उनका कितना विकास हुआ, वहीं दूसरी तरफ नए वित्तीय वर्ष में आर्थिक विकास की क्या राह होगी, इसका एक खांका भी खींचा जाता है।

इस बार जो आर्थिक सर्वे वित्त मंत्री अरूण जेटली द्वारा पेश किया गया है उसके मुताबिक, 2017-18 में विकास दर 7-7.5 प्रतिशत रहा है और आगामी वित्त वर्ष 2018-19 में 7-7.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है। साथ ही इस रिपोर्ट से पता चला है कि पिछले साल में टैक्‍स भरने वालों की तादाद बढ़ी है .. हालांकि अभी भी आर्थिक वृद्धि दर और कच्चे तेल की बढ़ती कीमतें चिंता का विषय बनी हुई हैं।

वहीं राष्ट्रपति के अभिभाषण में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने वर्तमान सरकार की उपलब्धियां बताते हुए कहा, ‘किसानों का विकास मेरी सरकार की प्राथमिकता है.. सरकार का लक्ष्य 2022 तक किसानों की आय को दूगुनी करने की है। इस दिशा में दशकों से पड़ी सिंचाई योजनाओं को पूरा किया जा रहा है, किसानों के हित में लगातार काम किया जा रहा है।‘

साथ ही राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने इस भाषण में मुस्लिम महिलाओं के हक लिए लाए गए तीन तलाक बिल की भी तारीफ की। उम्मीद जताई कि ये बिल इस बजट सत्र में संसद में पास हो जाएगा। राष्ट्रपति ने हज के नये कानून का भी जिक्र किया जिसके अनुसार आजादी के बाद पहली बार बिना किसी पुरुष सहयोगी के, 45 साल से ज्यादा आयु की महिलाओं के हज पर जा सकेंगी और इस तरह इस साल 1,300 से ज्यादा महिलायें बिना मेहरम के हज पर जा रही हैं।

राष्ट्रपति ने विदेशी मोर्चे पर सरकारी की बढ़ती विश्वसनीयता का भी जिक्र किया और कहा कि  ‘विदेश में फंसे भारतीय नागरिकों की सुरक्षा के लिए भी मेरी सरकार लगातार काम कर रही है। ऐसे में विदेश में रह रहे हर एक भारतीय को ये विश्वास हो चला है कि अगर वो कभी भी संकट में पड़ेंगे तो भारत सरकार उनकी हर सम्भव मदद जरूर करेगी। ये भी बताया कि साल 2014 के बाद से सरकार के पहल पर विदेश में फंसे करीब 90,000 भारतीय नागरिक सुरक्षित वापस आएं हैं।’

अपने अभिभाषण में राष्ट्रपति ने आतंकवाद के मुद्दे पर भी बात की और कहा कि  ‘जम्मू-कश्मीर के अंदर होने वाली आतंकी घटनाएं सीधे तौर पर सीमा पार से होने वाली घुसपैठ से जुड़ी हुई हैं.. अब हमारे हमारे सैनिक और जम्मू-कश्मीर पुलिस बेहतर तालमेल के साथ काम कर रहे हैं।’

साथ ही राष्ट्रपति ने अपने अभिभाषण में ये भी कहा कि वर्तमान सरकार ने गरीबों और मध्यम वर्ग के लिए, विशेषकर स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए, बिना बैंक गारंटी कर्ज देने पर जोर दिया है.. ‘जनधन योजना’ के तहत अब तक तकरीबन 31 करोड़ गरीबों के बैंक खाते खोले जा चुके हैं। राष्ट्रपति ने बताया कि जनधन योजना शुरू होने से देश में महिलाओं के बचत खातों की संख्या 28 प्रतिशत से बढ़कर 40 प्रतिशत से भी अधिक हो गई है।

इस मौके पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने सरकार की डिजिटलीकरण योजना का भी जिक्र किया और बताया कि, ‘देश में डिजिटल लेन-देन को बढ़ावा देने में ‘भीम App’ ने बड़ी भूमिका निभाई है। वहीं हाल ही में लॉन्च किए गए ‘उमंग App’ ने 100 से ज़्यादा जनसुविधाओं को लोगों को मोबाइल पर उपलब्ध कराया है।’

गौरतलब है कि आगामी वित्त वर्ष के लिए 1 फरवरी को संसद में बजट पेश किया जाना है.. जिसके बार में  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर कहा कि यह बजट सत्र बहुत ही महत्वपूर्ण है.. पीएम मोदी ने कहा है कि  ‘पूरा विश्व इस वक्त भारत की ओर नजर रखे हुए है.. यह बजट भारत के विकास को और गति देगा और लोगों के सपनों को भी पूरा करेगा। हमें ग्रामीण भारत, किसान, दलित और आदिवासी समुदायों के हित के लिए काम करना है।’

साथ ही पीएम मोदी ने इसके लिए सभी पार्टियों से अपील भी की है कि वे तीन तलाक पर बिल पास करने में सहयोग दें। वहीं विपक्ष ने इसे चुनावी बजट बताया है और कहा है कि ये आगामी चुनाव के लिए लुभावना प्रस्ताव है ।

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