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बजट सत्र में तीन तलाक बिल पास कराने की कोशिश करेगी मोदी सरकार, जानिये ये सत्र क्यों है खास

नई दिल्ली:  वैसे तो संसद का हर सत्र महत्वपूर्ण होता है, लेकिन बजट सत्र की महत्वपूर्णता ज्यादा होती है, क्योंकि इस सत्र में जनता के उम्मीदोंं का पिटारा खुलाता है। आम बजट को लेकर हर वर्ग की अपनी अपनी चाह भी होती है, इस सत्र में पूरे साल की रणनीति तैयार होती है। तो आइये जानते हैं कि हमारे इस रिपोर्ट में खास क्या है?

संसद का बजट सत्र सोमवार से शुरू हो रहा है, ऐसे में पूरे देश की नजर संसद के इस सत्र पे है। हर कोई इस बजट में अपने लिए कुछ खास देखना चाहता है। जहां एक तरफ युवा वर्ग अपने लिए शिक्षा, रोजगार तो वहीं किसान कृषि को लेकर इस बजट में कुछ खास चाहता है, इसके अलावा बाकि वर्गां की भी अलग अलग इच्छाएं है। दरअसल, इस सत्र से ही तय होता है कि आखिर पूरे साल देश किस रणनीति के तहत काम करेगा।

याद दिला दें कि शीतकालीन सत्र में तीन तलाक कानून पर राज्यसभा में सहमति नहीं बन पाई थी, जिसकी वजह से मोदी सरकार की पूरी कोशिश होगी कि इस बजट सत्र में तीन तलाक बिल को राज्यसभा में पास करा लिया जाए, ताकि जल्दी से इस कानून का असर हो, और मुस्लिम महिलाओं को तीन तलाक जैसे अपराध से छुटकारा मिल जाए। लेकिन अगर शीतकालीन सत्र की तरफ रूख किया जाए तो विपक्ष ने इस बिल को लेकर बड़ा हंगामा किया था, जिसकी वजह से इस बार भी शायद संसद में तीन तलाक बिल पर विपक्ष सरकार को घेर सकता है।

बता दें कि बजट सत्र की शुरुआत राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के भाषण से शुरू होगी, जिसके बाद दोनों सदनों में आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट पेश की जाएगी। जी हां, इस बार जेटली एनडीए सरकार के इस कार्यकाल का आखिरी पूर्ण बजट पेश करेंगे, जिसमें 2019 के चुनाव को  भी ध्यान में रखा जाएगा। यह बजट सत्र इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि इस बार जेटली को जनता की उम्मीदों पर तो खड़ा ही होना है, साथ ही आगामी लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए ही बजट को पेश करना है। याद दिला दें कि 1 फरवरी को वित्तमंत्री अरूण जेटली देश का आम बजट पेश करेंगे। बताते चलें कि इस सत्र का पहला चरण नौ फरवरी को पूरा हो जाएगा, तो दूसरा चरण पांच मार्च से छह अप्रैल के बीच में होगा।

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