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पद्मावत में पहले यह एक्टर बनने वाला था अलाउदीन खिलजी, बवाल का था अंदाज़ा इसलिए ठुकराया रोल

इतने विवादों के बाद आखिरकार संजय लीला भंसाली की फिल्म ‘पद्मावत’ रिलीज़ हो गई है. जो भी यह फिल्म देखकर आ रहा है वह दीपिका, रणवीर और शाहिद के काम की वाहवाही कर रहा है. फिल्म ‘पद्मावत’ में खिलजी का रोल रणवीर सिंह ने निभाया है और शाहिद कपूर राजा रत्न सिंह रावल के किरदार में नज़र आये हैं. वहीं दीपिका पादुकोण महारानी पद्मावती की भूमिका निभा रही हैं. तीनों की मंझी हुई कलाकारी ने दर्शकों का दिल जीत लिया है. फिल्म में तीनों की अदाकारी देखने के बाद आप इन रोल्स में किसी और की कल्पना नहीं कर पाएंगे. लेकिन मीडिया रिपोर्ट्स ने पद्मावत की कास्टिंग को लेकर एक बड़ा खुलासा किया है.

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार फिल्म में शाहिद कपूर द्वारा निभाए गए राजा रत्न सिंह रावल का रोल पहले शाहरुख़ खान को ऑफर किया गया था. लेकिन शाहरुख़ ने यह रोल करने से मना कर दिया था. शाहरुख़ का मानना था कि यह कहानी केवल पद्मावती और अलाउद्दीन खिलजी के इर्द-गिर्द घूमती है. उन्हें इस फिल्म में राजा रत्न सिंह रावल का ज्यादा रोल नज़र नहीं आया इसलिए उन्होंने यह किरदार निभाने से मना कर दिया था.

राजा रत्न सिंह का रोल ठुकराने के बाद मेकर्स ने शाहरुख़ को अलाउदीन खिलजी का रोल ऑफर किया. लेकिन यह रोल भी उन्होंने ठुकरा दिया. रिपोर्ट्स की मानें तो शाहरुख़ को पहले से ही इस बात का अंदाज़ा था कि खिलजी के रोल को लेकर बवाल हो सकता है. इसलिए उन्होंने खिलजी के रोल के लिए भी इंकार कर दिया. बता दें कि हाल ही में रिलीज़ हुई शाहरुख़ की फिल्म ‘रईस’ में भी उनके द्वारा निभाए गए रोल पर काफी विवाद हुआ था. डायरेक्टर संजय लीला भंसाली के लिए ड्रीम प्रोजेक्ट थी फिल्म पद्मावती. इस फिल्म की कास्टिंग के लिए संजय को बहुत पापड़ बेलने पड़े हैं. पहले उनकी इच्छा थी कि वह फिल्म पद्मावत सलमान खान और ऐश्वर्या राय को लेकर बनायें. लेकिन ऐश्वर्या ने पद्मावती के रोल के लिए मना कर दिया क्योंकि वह सलमान के साथ स्क्रीन शेयर नहीं करना चाहती थीं.

बता दें कि पहले यह फिल्म 1 दिसंबर को रिलीज़ होने वाली थी. लेकिन फिल्म के खिलाफ चल रहे विरोध प्रदर्शन को देखते हुए इसे न रिलीज़ करने का फैसला लिया गया. वहीं सेंसर बोर्ड की तरफ से भी फिल्म को कोई सर्टिफिकेट न मिलने के कारण इसे वापस भेज दिया गया था. विरोध प्रदर्शन के कारण ही सेंसर बोर्ड ने फिल्म को सर्टिफाई करने से मना कर दिया. लेकिन सूत्रों ने इस बात से इंकार करते हुए कहा कि फिल्म को सर्टिफिकेट न मिलने का कारण एप्लीकेशन का अधूरा होना है. खैर अब जो भी हो, इतने विवादों के बीच फिल्म रिलीज़ कर दी गई है और दर्शकों द्वारा यह फिल्म काफी पसंद भी की जा रही है. देखने वालों को तो यह समझ नहीं आ रहा कि आखिर फिल्म को लेकर इतना बवाल क्यों मचा है क्योंकि उनके हिसाब से इस फिल्म में ऐसा कुछ नहीं दिखाया गया है जो किसी बवाल का कारण बने.

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