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पीएम मोदी और देश के लिए क्यों अहम है दावोस समिट , जानिए वो दस बड़ी बातें

स्विटजरलैंड में आज से यानी सोमवार शुरु हो रहे दावोस सम्मेलन के लिए पीएम नरेंद्र मोदी दावोस में पहुंच चुके हैं। इस सम्मेलन को एलीट क्लास के सम्मेलन के रूप में देखा जाता है। दावोस में सरकारी और गैर-सरकारी व्यक्ति और संगठन एक साथ मिलकर वैश्विक विकास के लिए फैसले लेते हैं। इसके साथ ही साल के अंत में यहां पर स्पेंगलर कप आइस हॉकी टूर्नामेंट का भी आयोजन किया जाता है। विश्व आर्थिक फोरम यानी डब्ल्यूईएफ की बैठक में प्रधानमंत्री 23 जनवरी को इसके अधिवेशन को संबोधित करेंगे। पीएम मोदी 21 साल बाद दावोस जाने वाले भारत के पहले प्रधानमंत्री हैं इससे पहले 1997 में तत्कालीन प्रधानमंत्री एच डी देवगौड़ा दावोस समिट में गए थे। बहुत कम लोग दावोस समिट की महत्ता को जानते हैं, लेकिन इस समिट को बहुत ही संजीदगी की निगाहों से देखा जाता है। शायद इसीलिए इस समिट में बड़े नेताओं के अलावा दुनियाभर के बड़े कारोबारी, उद्योगपति और अर्थशास्त्री शरीक होते हैं।

योग और भारतीय व्यंजनों के बीच आज से शुरु विश्व आर्थिक मंच की वार्षिक बैठक भारत के लिए बेहद अहम है। जिसमें उत्तम व्यंजनों और वर्षों पुरानी विरासत ‘योग’ के साथ यंग, इनोवेटिव न्यू इंडिया’ के साथ स्वागत समारोह की मेजबानी करेगा। पांच दिन तक चलने वाली विश्व आर्थिक मंच की 48वीं बैठक में व्यापार, राजनीति, कला, शिक्षा और नागरिक समाज से जुड़ी 3,000 से अधिक शख्सियतें शिरकत कर रही हैं।

जहां पीएम मोदी भारत को वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिये वृद्धि इंजन के रूप में पेश कर रहे हैं। भारत की ओर से 130 से ज्यादा प्रतिभागी शिरकत कर रहे हैं। इसकी सफलता के लिए इंडिया मीन्स बिजनेस हैशटैग के साथ किये गये एक के बाद एक कई ट्वीट में मोदी ने कहा, ‘‘दावोस में मैं अंतरराष्ट्रीय समुदाय के साथ भारत के भविष्य के संबंधों के बारे में अपनी राय रखूंगा.’’ उन्होंने कहा कि उन्हें वहां स्विट्जरलैंड के राष्ट्रपति एलेन बेरसेट तथा स्वीडन के प्रधानमंत्री स्टीफन लोफवेन के साथ द्विपक्षीय बैठक का इंतजार है।

दावोस में भारत की 10 खास बातें।

  • बैठक के आधिकारिक सत्र की शुरुआत पीएम मोदी के उद्घाटन सत्र से होगी जिसको मोदी संबोधित करेंगे। इस दौरान वे भारत को खुली अर्थव्यवस्था के रूप में पेश करेंगे। साथ ही दुनिया को बताएंगे कि भारत दुनिया भर से निवेश के लिए तैयार है और वैश्विक अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने में एक इंजन की भूमिका निभा सकता है।
  • इससे पहले प्रधानमंत्री सोमवार को दुनिया भर की कंपनियों के सीईओ के साथ डिनर करेंगे। डिनर में 20 भारतीय कंपनियां और 40 अलग-अलग देशों की कंपनियां शामिल हैं। इसके बाद बुधवार को डब्ल्यूईएफ के अंतरराष्ट्रीय व्यापार समुदाय के 120 सदस्यों के साथ बातचीत भी प्रस्तावित है।

  • पीएम मोदी के साथ केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली, सुरेश प्रभु, पीयूष गोयल, धर्मेंद्र प्रधान, एम जे अकबर और जितेंद्र सिंह भी पहुंचे हैं। इसके साथ ही देश के नामी कारोबारी और उद्योग इकाई सीआईआई के नेतृत्व में सीईओ प्रतिनिधिमंडल में मुकेश अंबानी, गौतम अडाणी, अजीम प्रेमजी, राहुल बजाज, एन चंद्रशेखरन, चंदा कोचर, उदय कोटक और अजय सिंह समेत अन्य लोग शामिल हैं।
  • पांच दिन तक चलने वाली बैठक में व्यापार, राजनीति, कला, शिक्षा और नागरिक समाज से जुड़ी 3,000 से अधिक शख्सियतें शिरकत करेंगी।
  • पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहीद खाकान अब्बासी भी दावोस में आए हैं। लेकिन उनकी और मोदी के बीच बैठक की कोई योजना नहीं है। वहीं पीएम मोदी स्विट्जरलैंड राष्ट्रपति के साथ द्विपक्षीय बैठक करेंगे।

  • बैठक में भाग लेने वाले अन्य नेताओं में जर्मनी की चांसलर एजेंला मर्केल, अटली के प्रधानमंत्री पाउलो गेटिलोअली, फ्रांस के राष्ट्रपति एमानुएल मैक्रोन, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री थेरेसा मे तथा कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रुडेव शामिल होंगे।
  • बैठक में पीएम मोदी भारत की वैश्विक अर्थव्यवस्था के विकास में अहम भागीदारी को दुनिया के सामने रखेंगे। मोदी दुनिया को बताएंगे कि भारत में बिजनेस करना आसान है। भ्रष्टाचार और कालाधन को कम करने, टैक्स प्रणाली सरल बनाने और देश के सत्ती विकास के लिए उठाए गए जरूरी कदमों के बारे में भी दुनिया के नेताओं के बीच बताएंगे।
  • समिट मे बॉलीवुड अभिनेता शाहरुख खान, ऑस्ट्रेलियाई अभिनेत्री केट ब्लेन्चेट और संगीतकार एल्टन जॉन का सम्मान किया जाएगा।
  • बैठक में भारतीय व्यंजनों के साथ साथ योग को प्रमुखता से प्रचारित प्रसारित किया जा रहा है।
  • बैठक अमेरिकी राष्ट्रपति और कारोबारी डोनाल्ड ट्रंप के भाषण के साथ समाप्त होगी।

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