अध्यात्म

द्रोपदी के अनुसार पत्नियों को याद रखनी चाहिए ये 4 बातें, वरना पड़ेगा महंगा

कोई भी परिवार स्त्री के बिना अधूरा होता है. क्योंकि एक घर को स्वर्ग का रूप देने वाली कोई और नही बल्कि स्त्री ही होती है. स्त्रियों की असली जिंदगी तब शुरू होती है, जब वह किसी के घर की बहू बनती है और उसके ऊपर जिम्मेदारियां आ जाती है. पतिव्रता और स्वामिभक्ति ही एक आदर्श स्त्री की पहचान होती है. महाभारत से ज्ञात होता है कि पांडवों की पत्नी द्रौपदी दुनिया की सबसे अधिक स्वामिभक्त और पतिव्रता नारी रही और पांच पतियों का आशीर्वाद पाकर पांचाली कहलाई. शास्त्रों के मुताबिक द्रौपदी ने अपनी पतिव्रता जिंदगी में एक मिसाल कायम करने के साथ-साथ अन्य स्त्रियों को भी दांपत्य जीवन से जुड़े ऐसे सीख दिए हैं, जिन्हें अपना कर सभी स्त्रीयां आदर्श पत्नी बन सकती हैं.

दरअसल, जिस तरह द्रौपदी ने अपने जीवन के मूल मंत्र को निभाया वो चाहती हैं कि हर पतिव्रता नारी को वह कार्य करने चाहिए. साथ ही इस बात का ध्यान रखना भी जरूरी है कि किस प्रकार के कार्यों पर निषेध होता है. महाभारत में द्रौपदी ने स्त्री के कर्तव्य संबंधी कुछ ज्ञान की बाते बताई है, जो उन्होंने अपने भाई श्रीकृष्ण की पत्नी सत्यभामा के साथ साझा किया था. चलिये जानते हैं उन 4 प्रमुख बातों के बारे जो हर स्त्री को याद रखना चाहिए…

द्रौपदी कहती हैं – जो स्त्रियां अपने मन मे पति को वश में करने का विचार रखती हैं उनकी शादीशुदा जिंदगी सुखद नही होती. क्योंकि उसके ऐसा चाहने से रिश्तो में कड़वाहट पैदा होने लगती है. इसलिए यदि स्त्री को एक सुखद दाम्पत्य जीवन चाहिए तो उसे कभी भी अपने पति के ऊपर राज या उसे वश में करने की कोशिश नही करनी चाहिए. साथ ही यह भी बताया गया कि स्त्रियां पहले से ही अर्धांगिनी होती हैं जिसका मतलब है अपने पति का आधा हिस्सा, जिसके बाद शासन और राज करने जैसी भावना का उत्पन्न होना भी गलत है.

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वैसी स्त्रियां जो अपने और पति के बीच की गूढ़ बातों का किसी तीसरे शख्स से साझा करती हैं उनकी जिंदगी हमेशा संकट में गुजरती है. इससे आपके सम्बन्ध का रहस्य खुलने के साथ-साथ खुद का व्यंग्य बन जाता है. जिसे लेकर वो आपके बुरे समय मे गलत फायदा उठा सकते हैं. इसलिए स्त्री को अपनी निजी बातें पति के अलावा किसी से भी साझा नही करना चाहिए. ऐसा करने से आपकी शादीशुदा जिंदगी भी मुसीबत में आ सकती है.

द्रौपदी ने सभी महिलाओ के लिए यह संदेश दिया है कि एक स्त्री के लिए सब कुछ उसका पति ही होता है. इसलिए परिस्थिति कितनी भी बुरी क्यों ना हो, घबराए बिना अपने पति को याद करना चाहिए. क्योंकि एक पतिव्रता नारी के लिए उसका पति ही ज्ञान व शक्ति का भंडार होता है. पति के स्मरण मात्र से शरीर के भीतर ऊर्जा और सकारात्मकता का संचार होगा.

आखिर बात के तौर पर द्रौपदी ने बताया है कि सभी स्त्रियों को अपने पति को देवता की तरह पूजना चाहिए. उन्हें स्वामी मानकर सेवा करनी चाहिए क्योंकि इस जीवन के मजधार में पति ही आपके सब कुछ हैं. खासकर वैसी स्त्रियों से दूरी बनाकर रखनी चाहिए जो हमेशा गलत सोच रखती हो क्योंकि इससे आपकी जिंदगी पर बुरा प्रभाव पड़ेगा. अपने पति पर सबसे ज्यादा भरोसा करना चाहिए और अपनी सुख-दुख की बातें करनी चाहिए.

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