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बचना चाहते हैं इस खतरनाक बिमारी से तो अगली बार सेल्फी लेने से पहले जरुर पढ़ें यह खबर

आज के सोशल मीडिया के दौर के सेल्फी का क्रेज लोगों में किस कदर है, यह बतानें की जरुरत नहीं है। आजकल के सिर्फ युवा ही नहीं बल्कि बुजुर्ग भी सेल्फी लेते हुए देखे जा सकते हैं। सबके ऊपर सेल्फी का भूत सवार हो गया है। कई बार सेल्फी लेना जानलेव भी हो जाता है। इसे लेकर मीडिया में कई बार ख़बरें भी आती रहती हैं। इस बात पर किसी ने गौर नहीं किया होगा कि सेल्फी लेने की आदत एक बीमारी भी हो सकती है। सुनकर यह अटपटा जरुर लगता है लेकिन यह सच है।

हाल ही में आयी एक रिपोर्ट में इस बात का खुलासा हुआ है। लन्दन की नाटिंघम यूनिवर्सिटी के मार्क ग्रिफ़िथ के अनुसार, बीमारी का पता लगाने के लिए हमने दुनिया का पहला ‘सेल्फाइटिस बिहेवियर स्केल’ भी तैयार किया है। अपनी तरह के इस अनोखे बिहेवियर स्केल को 200 लोगों के फोकस ग्रुप और 400 लोगों पर सर्वे के बाद बनाया गया है। मार्क ने बताया कि जो लोग ज्यादा सेल्फी लेते हैं उनकी आदतें ज्यादातर नशा करने वालों की तरह होने लगती हैं।

शोधकर्ताओं का मानना है कि सेल्फाइटिस बीमारी से ग्रस्त लोग ज्यादातर मूड ठीक करने, अपनी यादें संजोने, खुद की स्वीकार्यता दिलाने, दूसरों से आगे रहने और अपना आत्मविश्वास बढ़ाने के लिए बार-बार सेल्फी लेते रहते हैं। आपको जानकर हैरानी होगी कि भारत में फेसबुक के यूजर दुनिया में सबसे ज्यादा हैं। सेल्फी लेने के चक्कर में सबसे ज्यादा मौत भी भारत में ही होती है। सेल्फी लेते समय होने वाली मौत का आंकड़ा भारत में 60 प्रतिशत है।

कॉर्नेजी मेलन यूनिवर्सिटी और इंद्रप्रस्थ इंस्टिट्यूट ऑफ इन्फर्मेशन दिल्ली की सर्वे रिपोर्ट के अनुसार, मार्च 2014 से सितंबर 2016 के बीच सेल्फी लेने के दौरान दुनियाभर में 127 मौतें हुईं। इनमें से अकेले 76 मौतें भारत में हुईं हैं। शोध ने अनुसार सेल्फाइटिस बीमारी के तीन स्तर होते हैं। पहले स्तर में लोगों को दिन में तीन सेल्फी लेने की आदत होती है लेकिन वह सोशल मीडिया पर पोस्ट नहीं करते हैं। दुसरे स्तर में सेल्फी सोशल मीडिया पर पोस्ट करने लगते हैं। अंत में तीसरे स्तर में बीमारी से पीड़ित व्यक्ति हर समय अपनी सेल्फी सोशल मीडिया पर पोस्ट करने की कोशिश करने लगता है। ऐसे लोग हर दिन सोशल मीडिया पर 6 सेल्फी पोस्ट करते हैं।

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