राजनीति

लालू के बाद अब सांसत में ममता की जान, ईडी के कोलकाता में लगातार छापों से डरी ममता बनर्जी

कोलकाता: पीएम मोदी ने सत्ता में आने के बाद ही कहा था कि, ना खाऊंगा और ना ही खाने दूंगा। अब ऐसे में भला जानवरों का चारा चबा जाने वाले लालू यादव कैसे बच सकते थे। मोदी सरकार ने उन्हें उसकी सही जगह यानी जेल में पहुँचा ही दिया। लालू यादव की संपत्ति को जब्त करने का फैसला भी अदालत द्वारा सुनाया जा चुका है। हालांकि अब तो लालू यादव लम्बे समय के लिए जेल जायेंगे ही। लेकिन क्या आप जानते हैं कि अगली बारी किसकी है? जी हाँ सही समझे पक्षिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का।

पहले ही भ्रष्टाचार के आरोप में तृणमूल कांग्रेस के कई सांसद जेल की हवा खा रहे हैं। कुछ ही समय पहले की बात है जब चिट फण्ड घोटाले में तृणमूल के सांसद तपस पल और सुदीप बंधोपाध्याय को पकड़ा गया था। अब इसी से जुडी हुई एक महत्वपूर्ण खबर आ रही है। रोजवैली चिट फण्ड मामले में ईडी ने 3 ज्वेलरी शोरूम में छापे मारे। ईडी की टीम ने बुधवार सुबह लेक पैलेस, गरिया और हावड़ा स्थित रोजवैली के आद्रिजा गोल्ड कारपोरेशन के शोरूम में छापा मारकर 22 कैरेट के 72 किलो, 18 कैरेट के 18 किलो आभूषण और साथ में हीरे और कई अन्य कीमती रत्न बरामद किये हैं।

प्राप्त जानकारी के अनुसार ईडी ने छापे के दौरान लगभग 40 करोड़ रूपये के आभूषण जब्त किये हैं। बताया जा रहा है कि आद्रिजा गोल्ड कारपोरेशन ने चिटफंड घोटाले के आरोपी गौतम कुंडू के रोजवैली के अलग-अलग फार्मों से कर्ज लिया था। ईडी इस समय अपनी जाँच में लगा हुआ है। ईडी ने 2016 में रोजवैली चिटफंड घोटाले में 1250 करोड़ रूपये की कीमत के आठ होटल और कंपनी की कारें भी जब्त कर चुकी है। इस बड़े घोटाले में ओडिशा, पक्षिम बंगाल और पूर्वोत्तर के कुछ राज्यों के हजारों लोग ठगी का शिकार हुए थे।

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इस घोटाले को बंगाल का अब तक का सबसे बड़ा घोटाला माना जा रहा है। इस घोटाले के मामले में तृणमूल कांग्रेस के सांसद कुणाल घोष और श्रीजॉय बोस के अलावा सरकार में मंत्री रह चुके मदन मिश्र को सीबीआई गिरफ्तार कर चुकी है। जानकारी के अनुसार ममता की सरकार में बंगाल में कई घोटाले हुए हैं। इन घोटालों में ममता सरकार के कई सांसद और मंत्री भी शामिल रहे हैं। वोटबैंक के लिए ममता के शासन में प्रदेश में कई गंदे-फसाद हो चुके हैं। रोजवैली चिटफंड घोटाले की जाँच सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर किया जा रहा है, इसलिए इस बार ममता मोदी पर उंगली भी नहीं उठा सकती हैं।

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