अध्यात्म

जानिये उस मंदिर के बारे में जिसकी वजह से पकिस्तान हारा 65 और 71 की जंग

इस बात में कोई शक नहीं की भारतीय फौज की बहादुरी की वजह से हम पाकिस्तान को चार बार धुल चटा चुके है. इस जीत में जितना हाथ भारतीय सैनिको का हैं उतना ही भगवान् के आशीर्वाद का भी, जैसलमेर में स्थित तनोट माता (Tanot Mata ) का मंदिर इसका जीता जगता उदाहरण है.

जैसलमेर में स्थित तनोट राय माता (Tanot Mata)का मंदिर –

Tanot Mata

इस मंदिर में एक संग्रहालय भी है. जहाँ पाकिस्तान की तरफ से फेंके गए जिन्दा बम भी रखे है. 65 की जंग में पाकिस्तानी आर्मी ने जैसलमेर पर कब्ज़ा करने के इरादे से लगभग 300 बम इस मंदिर के आस पास गिराए थे पर माता की दया से ये बम कभी फट ही नहीं पाए.

Tanot Mata की इस अनुकम्पा को देखते हुए मेजर जय सिंह ने 13 ग्रेनेड की एक कम्पनी और बी.एस.एफ. की दो कंपनियों को इसी मंदिर की सुरक्षा में रख कर पाकिस्तान से युद्ध किया था और उसे हार का स्वाद चखाया था.

दरअसल ये भी कहा जाता है की 1965 की जंग में पाकिस्तानी फौज भारतीय सीमा के 4 किलोमीटर अंदर तक घुस आई थी पर इस मंदिर को पार नही कर पाई थी. अब यह मंदिर बी.एस.एफ. के नियंत्रण में है. बी.एस.एफ ही इस मंदिर का रख-रखाव करता है. मंदिर में होने वाली पूजा-अर्चना, आरती आदि सभी चीजो की ज़िम्मेदारी बी.एस.एफ के पास है.

कहते है “जाको राखे साइया मारे सके न कोई” लगता है ये मंदिर भी इस कहावत को पूरा करता है. जो लोग कार्ल मार्क्स और लेलिन को पढ़कर आज धरम और संस्कृति की भावना को खोते जा रहे हैं उन लोगों के लिए ये मंदिर एक ऐसा उदाहरण प्रस्तुत करता है जो शायद उनमे फिर से धरम के लिए आस्था वापस जगा दे.

भारत इससे पहले पाकिस्तान से 1948, 1965, 1971 और 1999 में कारगिल में पाकिस्तान से जंग लड़ चूका है और हर बार भारत के हाथों हार का सामना किया है. क्यूंकि भगवान भी हमेशा सच्चे लोगो का साथ देता है, झूठे और धोखेबाजो का नहीं.

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