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परिवार जिसका अंतिम संस्कार करने जा रहा था, कोतवाल ने उसे जिन्दा कर जेल भेज दिया

जब तक ऊपर वाला ना चाहे तब तक किसी की मौत भी नही हो सकती है चाहें वो खुदखुशी ही क्यों ना कर लें.. ऐसा ही कुछ हुआ दिल्ली के बारा हिंदू राव इलाके  जहां एक लड़के को घरवाले मरा समझकर परिवार वाले दहाड़े मार-मार कर रो रहे थे। वहीं दूसरी तरफ अंतिम संस्कार कराने की तैयारी चल रही थी। लेकिन मरे हुए युवक की किस्मत देखिए, कि तभी किसी की सूचना पर पुलिस पहुंच गई, और जब एक कोतवाल ने लड़के को हाथ लगाया तो लड़का कुछ ही देर में हरकत करने लगा। लोग उसे लेकर अस्पताल पहुंचे तो डॉक्टरों ने इलाज के बाद लड़के को खड़ा कर दिया।

जी हां चौंकाने वाला मामला दिल्ली का है जहां पुलिस अधिकारी की सूझबूझ से एक युवक जिन्दा बच गया। बताया जा रहा है कि बीते सोमवार को पुलिस को बारा हिंदू राव इलाके में युवक के फांसी लगाने की सूचना मिली थी। कोतवाल संजय कुमार अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे तो देखा घरवालों का रो-रोकर बुरा हाल था।

कोतवाल ने परिवार वालों से बात की और घटना स्थल का जायजा लिया तो पता चला,  जबकि घरवाले दूसरे कमरे में बैठे थे। राजू नाम का लड़का अपने कमरे में गया और करीब 20 मिनट के बाद राजू के पिता जब कुछ कहने के लिए गए तो कमरे के भीतर का नजारा देख, उन्हें झटका लगा। क्योंकि राजू पंखे से फांसी लगाकर झूल रहा था। पिता ने पड़ोसियों को बुलाया और राजू को फंदे से नीचे उतारा। राजू ने बेडशीट से फंदा बनाकर फांसी लगा ली थी। इसी दौरान किसी ने पुलिस को फोन पर जानकारी दी। कुछ देर में घरवाले राजू के अंतिम संस्कार की तैयारी कर रहे थे। उस समय तक पोस्टमार्टम के लिए ले जाने के लिए मॉर्च्युरी वैन भी आ चुकी थी।

तभी कोतवाल संजय कुमार ने मौके पर पहुंचकर कमरे की जांच की, जहां राजू ने फांसी लगाई थी। संजय कुमार को लगा कि उंचाई कम होने से फांसी लगाकर मरने की संभावना कम है। इसके बाद फौरन कोतवाल ने राजू के शरीर की जांच की। तो पता चला की राजू की पल्स चल रही है, वह अब भी जिंदा था। कोतवाल ने फौरन राजू को अस्पताल ले जाने का फैसला किया, रास्ते में उसे CPR क्रतिम सांस देने की व्यवस्था भी की गई। ताकि अस्पताल तक ले जाया जा सके।

राजू जब अस्पताल पहुंचा और डॉक्टरों ने इलाज करना शुरु किया तो वो बच गया। डॉक्टरों ने पुलिस को बताया कि राजू की पल्स काफी धीमी थी, ऐसे में अस्पताल पहुंचाने में अगर और देर होती तो कुछ भी हो सकता था। वहीं होश में आने के बाद राजू ने पुलिस को अपना बयान दर्ज कराते हुए बताया की। माता-पिता उसे लगातार डांट रहे थे, जिससे नाराज होकर उसने आत्महत्या की कोशिश की थी।

वहीं राजू के ठीक होने के बाद पुलिस ने धारा 309 के तहत राजू के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। क्योंकि देश में आत्महत्या कराना गुनाह माना जाता है। राजू के ठीक होने के बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।

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