अध्यात्म

रोज घर पर कटोरी में जला दें ये एक चीज, माँ लक्ष्मी की कृपासे फिर होगी धन की बारिश

आज के समय में हर व्यक्ति को धन की आवश्यकता है। बिना धन के आज के समय में कोई भी कार्य होना असम्भव है। ऐसे में धन का क्या महत्व है, सभी लोग जानते हैं। हर व्यक्ति जीवन में धनवान बनाना चाहता है। लेकिन धनवान कुछ ही लोग बन पाते हैं। कुछ लोग अपने कर्मों की वजह से भी धनवान नहीं बन पाते हैं। हिन्दू धर्म में धन की देवी माता लक्ष्मी को माना जाता है। जो व्यक्ति इन्हें प्रसन्न कर देता है, उसे जीवन में कभी भी धन की कमी नहीं होती है।

देवी-देवताओं की पूजा में किये जाने वाले कार्य धार्मिक होने के साथ ही साथ स्वास्थ्य के लिए भी अच्छे माने जाते हैं। बिना आरती के पूजा संपन्न नहीं होती है। देवी-देवताओं की आरती कर्पूर से ही की जाती है। कर्पूर जलाकर आरती करने से ना केवल देवी-देवता ही प्रसन्न होते हैं, बल्कि इसके अन्य कई फायदे भी होते हैं। आज हम आपको कर्पूर जलाने से होने वाले लाभों के बारे में बताने जा रहे हैं।

कर्पूर जलानें से मिलते हैं ये फायदे:

*- कर्पूर जलाने से घर का वातावरण शुद्ध और सुगन्धित हो जाता है। इससे माता लक्ष्मी अत्यंत प्रसन्न होती हैं और उस घर में अपना डेरा जमा लेती हैं और जीवन में कभी भी धन-दौलत की कमी नहीं होती है। इसकी खुशबू से विचार भी पवित्र होते हैं।

*- कर्पूर जलाने के पीछे वैज्ञानिक कारण भी बताया गया है। इसकी महक तेज होने की वजह से यह वातावरण में जल्दी फैलता है और हवा में मौजूद हानिकारक सूक्ष्म जीवों को मार देता है।

*- जिन लोगों को अनिद्रा की शिकायत हो, उन्हें रात में सोते समय कर्पूर जलाकर सोना चाहिए। इससे बुरे सपने भी नहीं आते हैं।

कर्पूर जलाते समय इस मंत्र का जाप जरुर करना चाहिए:

कर्पूरगौरम् करुणावतारम्,संसारसारम् भुजगेन्द्रहारम्।
सदा वसन्तम् हृदयारविन्दे,भवम् भवानि सहितम् नमामि।।

इस मंत्र के जाप से भगवान शिव काफी प्रसन्न होते हैं और व्यक्ति को मनचाहा फल देते हैं।

इस मंत्र का अर्थ इस तरह से है:

कर्पूरगौरम् अर्थात जो कर्पूर के समान गौर वर्ण वाले हैं,

करुणावतारम् अर्थात जो करुणा के साक्षात् अवतार हैं,

संसारसारम् अर्थात जो इस समस्त संसार के एकमात्र सार हैं,

भुजगेन्द्रहारम् अर्थात जो भुजंग (सर्प) की माला गले में धारण किए रहते हैं,

सदा वसन्तम् हृदयारविन्दे,भवम् भवानि सहितम् नमामि।।

अर्थात जो माता पार्वती के साथ ही, हम सभी भक्तों के कमल रूपी हृदय में हमेशा निवास करते हैं, हम उन महादेव की हम वंदना करते हैं, आराधना करते हैं और उन्हें नमन करते हैं।

Back to top button