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भाजपा की प्रचंड जीत पर अंतर्राष्ट्रीय मीडिया नतमस्तक, दुनियाभर में फिर मची ‘नमो’ की धूम!

नई दिल्ली उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में बीजेपी की प्रचंड जीत ने ना सिर्फ देश बल्कि दुनिया को भी चौका दिया। इस जीत ने एक बार फिर पीएम मोदी की लोकप्रियता को साबित कर दिया। बीजेपी की इस प्रचंड जीत ने न सिर्फ भारतीय मीडिया में बल्कि अंतर्राष्ट्रीय मीडिया में भी सुर्खियां बटोरी। अंतर्राष्ट्रीय मीडिया ने इस जीत का पूरा श्रेय पीएम मोदी को दिया है। अंतर्राष्ट्रीय मीडिया ने यूपी में बीजेपी की इस जीत पर लिखा है कि इससे पीएम मोदी की स्थिति भारतीय राजनीति में मजबूत होगी और 2019 में फिर देश का पीएम बनने का रास्ता आसान होगा। Narendra modi 2019 elections.

दुनिया भर की मीडिया ने सराहा, किसने क्या लिखा –

 

लॉस एंजिल्स टाइम्स ने लिखा है कि, भाजपा ने बहुत आसानी से यूपी में सबसे मजबूत पार्टी को सत्ता से बाहर कर दिया है। इस जीत में नोटबंदी के फैसले का सकारात्मक असर साफ देखा जा सकता है। अब भाजपा भारत के 29 राज्यों में से 13 राज्यों में सत्ता में आ गई है, जिसमें सबसे बड़ा तोहफा उत्तर प्रदेश है, जहां पार्टी 1991 के बाद कभी भी पूर्ण बहुमत में नहीं आयी थी।

वॉशिंगटन पोस्ट ने लिखा है कि यह जीत भारत में हिंदू राष्ट्रीवादी पार्टी की जीत है। इस जीत के साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का हौसला बढ़ेगा। वहीं द गॉर्जियन ने लिखा है कि, इस चुनाव के नतीजों के बाद साफ हो गया है कि तीन साल के कार्यकाल के बाद भी पीएम मोदी की लोकप्रियता बरकरार है।

अंतरर्राष्ट्रीय विश्लेषकों ने भी माना पीएम मोदी का लोहा –

 

प्रधानमंत्री मोदी के संदर्भ में अंतरर्राष्ट्रीय विशेषज्ञों का कहना है कि उत्तरप्रदेश और उत्तराखंड के विधानसभा चुनाव में बीजेपी की शानदार जीत से 2019 के लोकसभा चुनावों के लिए वे एक पसंदीदा नेतृत्वकर्ता के रुप में उभरे हैं। पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनावों के नतीजों से साफ है कि वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव के नतीजे भी असामान्य नहीं थे।

Narendra modi 2019 elections

पीएम मोदी वर्ष 2019 के बाद भी भारत का नेतृत्व करते रहेंगे। जॉर्ज वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी में अंतरराष्ट्रीय मामलों के सहायक प्रोफेसर एडम जीगफेल्ड ने कहा कि, विधानसभा चुनाव के नतीजों को देखते हुए आगामी लोकसभा चुनावों में ज्यादा बदलाव नहीं होने वाला। उत्तरप्रदेश चुनाव के नतीजों से स्पष्ट है कि वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव के परिणाम ‘असामान्य’ नहीं थे।

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