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केजरीवाल के सरकारी विज्ञापनों को कैग ने बताया गैर जरूरी, विज्ञापनों की सत्यता पर भी उठा सवाल!

देश में सरकार के वित्तीय लेखों और आंकड़ों के हिसाब किताब का अंकेक्षण करने वाली संस्था नियंत्रक एवं महालेखा परिक्षक (CAG) की ताजा रिपोर्ट आने के बाद दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल एक बार फिर विरोधियों के हमलों से घिरने वाले हैं. कैग ने अपनी रिपोर्ट में आम आदमी पार्टी को कटघरे में खड़ा कर दिया है.

बाहर विज्ञापनों पर 29 करोड़ रुपए खर्च किए:

कैग की रिपार्ट के मुताबिक दिल्ली सरकार ने अपने पहले साल की उपलब्धियां बताने के दिल्ली एनसीआर के बाहर विज्ञापन जारी किए जो कि पूरी तरह से अनुपयुक्त थे. कैग ने रिपोर्ट में कहा है कि दिल्ली सरकार के विज्ञापनों की सामग्री गैर सत्यापित थी और उन्हें राजधानी के बाहर लगाया गया. रिपोर्ट में पाया गया कि दिल्ली सरकार ने राज्य के बाहर विज्ञापनों पर 29 करोड़ रुपए खर्च किए जो कि गैर जिम्मेदाराना है. उन्होंने जिम्मेदारी से बाहर जा कर विज्ञापनों पर खर्च किया.

रिपोर्ट में दिल्ली सरकार के 24 करोड़ रुपए के विज्ञापनों को वित्तीय औचित्यों और सुप्रीम कोर्ट के नियमों के खिलाफ बताया गया है. गौरतलब है कि कैग की यह रिपोर्ट शुक्रवार को दिल्ली विधानसभा में पेश की गई. जिसके बाद अरविंद केजरीवाल ने इसपर तीखी प्रतिक्रिया दी है. कैग की रिपोर्ट पर सीएम अरविंद केजरीवाल ने उल्टा नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक शशिकांत शर्मा पर ‘राजनीति’ करने का आरोप लगाया है.

अरविंद केजरीवाल ने कहा कि हो न हो शशिकांत शर्मा अपनी नौकरी बचाने के लिए मजबूरी में ऐसा कर रहे हैं. उन्होने कहा हम जानते हैं कि कैग ऐसा क्यों कर रहा है, मुझे लगता है कि कैग यह काम मजबूरी में कर रहा है. कैग अगर हमारी गलतियां खोजकर बताएगा तो हम स्वीकार कर लेंगे लेकिन कैग अभी राजनीति कर रहा है, उन्होंने कहा कि कैग को राजनीति नहीं करनी चाहिए वह यह काम नेताओं को ही करने दे.

गौरतलब है कि आम आदमी पार्टी की सरकार पहले भी अपने विज्ञापनों के कारण चर्चा में रही है. दिल्ली की आम आदमी पार्टी की केजरीवाल सरकार हमेशा विवादों से घिरी रहती है. अरविंद केजरीवाल के खिलाफ आए दिन कोई ना कोई मामला आता है और केजरीवाल हर बार केंद्र सरकार या नौकरशाहों को जिम्मेदार ठहराते हैं, हर मामले को वह केंद्र की साजिश करार देते हैं.

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