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कब्रिस्तान Vs श्मशान की जंग : कब्रिस्तान के लिए अखिलेश सरकार ने दिए 1300 रुपए करोड़! – देखें ये स्पेशल रिपोर्ट

लखनऊ – यूपी चुनावी मैदान में पीएम मोदी ने जब से कब्रिस्तान को लेकर बयान दिया है तब से विरोधी उन पर पक्षपात का आरोप लगा रहे हैं। दरअसल, पीएम मोदी ने यूपी में रैली को संबोधित करते हुए कहा था कि अगर गांव में कब्रिस्तान बनता है तो श्मशान भी बनना चाहिए और अगर रमजान में बिजली आती है तो दीवाली में भी आनी चाहिए। पीएम के इन दो बयानों पर विपक्षी दलों ने कड़ी निंदा करते हुए चुनाव आयोग से कार्रवाई की मांग भी कर डाली। लेकिन आज हम आपको पीएम के बयान में कितनी सच्चाई है इसको दिखाएंगे। हम आपको बताएंगे की क्या पीएम ने जो बयान दिया वो बेवजह था या उसमें सच्चाई थी। Up election pm modi graveyard remarks.

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यूपी में कब्रिस्तान Vs श्मशान की राजनीति, जानें क्या है सच्चाई?

प्रधानमंत्री मोदी द्वारा दिए गए ‘श्मशान-कब्रिस्तान’ के बयान पर खूब सियासत हो रही है। विपक्षी दलों को एक चुनावी मुद्दा मिल गया है। लेकिन वास्तविकता और आकड़ों कि बात करे तो अखिलेश सरकार ने अल्पसंख्यक मुस्लिमों के कब्रिस्तान के लिए बीते 5 वर्षो में 1 हजार करोड़ से ऊपर की राशि जारी कि है और वहीं श्मशान के लिए यह राशि बस नाममात्र कि है।

अब आपको पूरे आकड़े बता देते हैं। यूपी सरकार ने वित्तीय वर्ष 2015-16 के अपने बजट में अल्पसंख्यकों के कब्रिस्तान के लिए 200 करोड़ का प्रावधान किया था और श्मशानों घाटों के विकास के लिए यह राशि आधी यानि 100 करोड़ थी। इस बार अल्पसंख्यकों के कब्रिस्तान के बाउंड्री वाल के लिए अखिलेश सरकार ने 400 करोड़ का बजट रखा है।

 

इस स्पेशल रिपोर्ट से सच आया सामने –

पीएम मोदी द्वारा ‘श्मशान-कब्रिस्तान’ पर दिए गए बयान के बाद आज तक ने एक रिपोर्ट तैयार कि है जिसमें अखिलेश सरकार ने पिछले 5 वर्षों में श्मशान-कब्रिस्तान के लिए कुल कितने पैसे खर्च किये हैं उसका ब्यौरा है। इस रिपोर्ट में इस बात का खुलासा हुआ है की किस तरह अखिलेश सरकार ने पक्षपात करते हुए कब्रिस्तान के लिए हजारों करोड़ का बजट मुहैया कराया है और श्मशानों कि अनदेखी की गई। यूपी में चौथे चरण के चुनाव प्रचार के दौरान सबसे अधिक चर्चा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इसी बयान को लेकर हुई।

रैली के दौरान पीएम मोदी ने कहा था कि गांव में अगर कब्रिस्तान बनता है तो श्मशान भी बनना चाहिए, अगर रमजान में बिजली रहती है तो दिवाली में भी बिजली आनी चाहिए। यूपी में चौथे चरण का मतदान 23 फरवरी को होना है। इस चरण के लिए चुनाव प्रचार का शोर आज शाम पांच बजे थम जाएगा।

देखें ये स्पेशल रिपोर्ट –

 

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