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लो जी…आ गया नोटबंदी का रिजल्ट! सही साबित हुआ पीएम मोदी का फैसला! – पढ़ें और जानें कैसे

नई दिल्ली – पीएम मोदी ने 8 नवम्बर को जब से नोटबंदी का ऐलान किया है देश में इसके फायदे और नुकसान को लेकर चर्चा जारी है। चूँकि अब नोटबंदी का समय खत्म हो चुका है और सब कुछ पूर्व के ढ़र्रे पर लौट आया है। जनता अपने काम में मस्त हो गई है और नेता चुनाव प्रचार में, लेकिन सबसे बड़ा सवाल आज भी यही है कि आखिर दो महिनों कि हज़ारों परेशानियों के बाद पीएम मोदी द्वारा लिए गए नोटबंदी के फैसले से जनता को लाभ हुआ या नुकसान। आज हम आपके इसी क्षय प्रश्न का उत्तर देने जा रहे हैं। इसे रट लें और आपने प्रियजनों तक भी पहुँचा दें। Inflation rate down.

नोटबंदी के चलते कम हुई महंगाई, निचले स्तर पर मुद्रास्फीति –

मोदी सरकार द्वारा लिए गए ऐतिहासिक फैसले का रिजल्ट सकारात्मक है। नोटबंदी के असर से खाद्य वस्तुओं के दाम पिछले तीन साल में सबसे निचले स्तर पर पहुँच गए हैं। सांख्यिकी एवं कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय द्वारा सोमवार (13 फरवरी) को जारी सरकारी आंकड़ों के मुताबिक जनवरी में सब्जियों के दाम सालाना स्तर पर 15.62 प्रतिशत नीचे रहे जबकि दिसंबर में दाम सालाना आधार पर 14.59 प्रतिशत घटे थे। दालें जनवरी 2016 की तुलना में 6.62 प्रतिशत सस्ती रहीं जबकि इसी दौरान फलों के वर्ग की मुद्रास्फीति 5.81 प्रतिशत रही तथा ईंधन और बिजली वर्ग की मुद्रास्फीति 3.42 प्रतिशत रही।

 

ऐसे मिला गरीबों और मध्यम वर्ग को फायदा –

गौरतलब है कि मोदी सरकार ने 8 नवंबर 2016 को 500 और 1000 रुपए के नोटों का चलन बंद कर दिया था। क्योंकि बाजार में 86 प्रतिशत नकदी इन्हीं मूल्य के नोटों में रखे गए थे, इसीलिए नोट बंद होने से उत्पन्न नकदी के कारण खुदरा बाजार प्रभावित हुआ। पिछले तीन सालों के मुकाबले उपभोक्ता खाद्य मूल्य जनवरी में कुल मिला कर 0.53 प्रतिशत गिरा जबकि जनवरी में ग्रामीण क्षेत्र संबंधी खुदरा मुद्रास्फीति 3.36 प्रतिशत और एक माह पूर्व यह 3.83 प्रतिशत थी। वहीं शहरी क्षेत्र की खुदरा मुद्रास्फीति 2.90 प्रतिशत पर स्थिर रही।

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