अध्यात्म

जानिये देश के इस अद्भुत मंदिर के बारे में, यहाँ जाने से डरते हैं प्रधानमंत्री मोदी और देश के अन्य नेता!

हिन्दू धर्म में मंदिरों का बहुत बड़ा महत्व होता है। मंदिर एक ऐसा जगह होता है, जहाँ जाने के बाद इंसान अपने सारे दुःख-दर्द भूल जाता है। मंदिर के पवित्र वातावरण में जाने से ही उसके अन्दर की सारी बुराइयां दूर हो जाती हैं। भारत में लाखों मंदिर हैं, जहाँ हर रोज करोड़ो लोग अपने दुखों के अंत के लिए पूजा करते हैं। आपने यह तो सुना होगा कि मंदिर में भगवान हर किसी की इच्छा की पूर्ति, बिना भेद-भाव किये करते हैं। लेकिन क्या आपने कभी ये सुना है कि किसी मंदिर में लोग जाने से डरते भी हैं।

इस मंदिर में जाने से डरते हैं भ्रष्ट लोग:

जी हाँ कानपुर में एक ऐसा मंदिर है, जहाँ लोग जाने से डरते हैं। दरअसल कानपुर के भ्रष्ट तंत्र विनाशक शनि मंदिर को पवन राणे वाल्मीकि ने बनवाया था। मंदिर उनकी निजी भूमि पर बना है, लेकिन वहाँ अन्य लोग भी जा सकते हैं। लेकिन इस मंदिर की सबसे बड़ी ख़ासियत यह है कि यहाँ नेताओं, वर्तमान और पूर्व आईएएस ऑफिसर, जज, मजिस्ट्रेट, विधायक, सांसद और मंत्रियों का आना वर्जित है। अब आपके मन में यह सवाल उठ रहा होगा कि आखिर ऐसा क्यों है?

मंदिर के बीच में लगी है शनि देव की तीन मूर्तियाँ:

इस मंदिर की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि इस मंदिर के ठीक बीच में शनि देव की तीन मूर्तियाँ एक दुसरे की तरफ पीठ करके लगाई गयी हैं। ऐसे में एक शनि देव की दृष्टि संसद, राज्यसभा और वर्तमान नेताओं पर पड़ती है। इसमें सोनिया गाँधी, मनमोहन सिंह से लेकर वर्तमान प्रधानमंत्री मोदी भी शामिल हैं। मंदिर के बाहर बोर्ड पर साफ़-साफ़ लिखा हुआ है कि मंदिर के बाहर भ्रष्ट नेताओं और नौकरशाहों का आना सख्त मना है। आपको जानकर हैरानी होगी कि मंदिर में शनि देव की मूर्ति के सामने देश के सभी भ्रष्ट नेताओं की फोटो लगाई गयी है।

शनि देव की दृष्टि ब्रह्मा जी पर भी है:

यहाँ आने वाले सभी भक्त बस यही प्रार्थना करते हैं, जल्द से जल्द देश के भ्रष्ट लोगों को सद्बुद्धि दें और उन्हें डराकर सही मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करें। मंदिर के अन्दर हनुमान जी की मूर्ति के साथ ब्रह्मा जी की भी मूर्ति लगी हुई है। दुसरे शनि देव की दृष्टि देश के सभी न्यायालयों और न्यायधीशों पर है। तीसरी मूर्ति की दृष्टि के बारे में जानकर आपको काफी हैरानी होगी, क्योंकि तीसरी मूर्ति की दृष्टि श्रृष्टि के रचयिता ब्रह्मा जी की तरफ है। इसका कारण यह है कि ब्रह्मा जी ने ही इन भ्रष्ट लोगों को इस श्रृष्टि में जगह दी है। आगे से ब्रह्मा जी भी ध्यान दें और ऐसे भ्रष्ट लोगों को पैदा नहीं करें।

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