अध्यात्म

900 साल तक जीने वाले महापुरुष के जीवन के चौंका देने वाले फैक्ट्स!

योग साधना के बल पर 900 साल तक जीने वाले देवरहा बाबा की कहानी अद्भुत है. देवरहा बाबा(Devraha Baba) गोरखपुर के बगल में स्थित देवेरिया में रहते थे. पहले राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद, महामना मदन मोहन मालवीय, पुरुषोत्तमदास टंडन जैसे राजनैतिक लोग भी देवरहा बाबा के प्रताप को मानते थे और उनके दर्शन करने जाते थे. देवरहा बाबा पातंजलि के अष्टांग योग में पारंगत थे।

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देवरहा बाबा (Devraha Baba) का जीवन

देवरहा बाबा के जीवन और उनकी उम्र के बारे में अलग अलग तर्क हैं. बताया जाता है कि उनका जन्म करीब 900 साल पहले हुआ था. वैसे तो उन्होंने 19 जून 1990 को अपना महापरिनिर्वाण किया. लेकिन जन्म के बारे में कोई निश्चित आकड़ा उपलब्ध नहीं है. कुछ लोग मानते हैं कि देवरहा बाबा 900 सालों से इस धरती पर थे तो कुछ लोगों के अनुसार करीब 250 साल की उम्र में देवरहा बाबा  ने शरीर का त्याग किया. वहीँ कुछ लोग उनकी आयु 500 साल भी मानते हैं.

देवरहा बाबा बहुत प्रेम से मिलते थे और सभी को कुछ ना कुछ प्रसाद के तौर पर देते थे. बताया जाता है कि वह अपने मचान में हाथ डालते और उसमें से हमेशा कुछ ना कुछ निकलता जिसे वह प्रसाद के रूप में दिया करते. जबकि मचान में पहले से ऐसी कोई वस्तु नहीं रखी होती थी. उनके दर्शनार्थियों में यह हमेशा कौतुहल का विषय रहा कि वह मचान में से प्रसद्के तौरपर खाद्य पदार्थ कैसे निकालते हैं.

Devraha Baba

बैठे बठे कहीं भी चले जाते थे देवरहा बाबा

बताया जाता है कि देवरहा बाबा बैठे बठे कहीं भी चले जाते थे. अध्यात्म में खेजरी मुद्रा के जरिये ऐसा करना संभव है और वह जहाँ भी रहते चरों तरफ सुगंध होती. आसपास के बबूल के पेड़ों में भी कांटे नहीं उगते.

माना जाता कि देवरहा बाबा सबकुछ जान लेते थे, यहाँ तक कि यह भी कि कहाँ और कौन उनके बारे में क्या चर्चा कर रहा है. कई बार कई लोगों ने उनकी फोटोन खींचने की कोशिश की लेकिन उनकी फोटो नहीं बन सकी. वह अक्सर अपनी फोटो लेने को कहते भी थे लेकिन यह संभव नहीं हो सका. वह एक सिद्ध पुरुष थे और उनका हर चीज पर नियंत्रण था यहाँ तक कि वह निर्जीव वस्तुओं को भी नियंत्रित करने की क्षमता रखते थे. वह नहीं चाहते तो रिवाल्वर से गोली भी नहीं चलती थी

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