अध्यात्म

जानिए कैसे बनती है कोई महिला नागा सन्यासिनी… देखिये वीडियो!

नागा सन्यासियों के बारे में तो आप बहुत कुछ जानते हैं लेकिन क्या आपको पता है कि महिला नागा सन्यासिनियां भी होती हैं. विरक्ति केवल पुरुषों को ही नहीं होती. महिलाओं को भी होती है. वह विरक्ति सबकुछ त्यागने को मजबूर कर देती है. कुछ ऐसी ही होती हैं महिला नागा सन्यासिनियां. आइये जानते हैं उनकी जिन्दगी से जुड़े कुछ अहम् तथ्य-

women nanga sanyasi

कठिन परीक्षाओं से गुजरना-

महिला नागा सन्यासिनी को कई परीक्षाओं से होकर गुजरना पड़ता है तब जाकर उसके गुरु उसे दीक्षा देते हैं. उन परीक्षाओं में कुछ इस प्रकार है-

  1. 6 से 12 साल तक ब्रम्हचर्य का पालन करते हुये सिद्ध करना पड़ता है कि वह ब्रम्हचारिणी है.
  2. साधुओं के अखाड़े में प्रवेश से पहले उसके परिवार और पिछले जीवन की जाँच पड़ताल होती है, जब अखाड़े के संत आश्वस्त हो जाते हैं तब ही अखाड़े की सदस्यता प्राप्त होती है.
  3. महिला नागा सन्यासिनी को यह साबित करना होता है कि उसने मोह का त्याग कर दिया है और उसे अब परिवार और समाज से कोई लगाव नहीं है. उसे उस भी साबित करना होता है कि वो बस ईश्वर की भक्ति करना चाहती है.
  4. सन्यासिनी बनने के लिये खुद का पिंडदान और तर्पण भी करना होता है जो कि किसी जीवित व्यक्ति का नहीं किया जाता.
  5. महिलाओं को अपने बाल और रूप से बहुत प्रेम होता है, श्रृंगार करना उनका शौख होता है, लेकिन सन्यासिनी को अपने बाल भी मुंडवाने पड़ते हैं.
जीवन शैली-

हर मनुष्य की अपनी एक शैली होती है उसी तरह से महिला नागा सन्यासिनियां की भी अपनी जीवन शैली होती है. पहले तो किसी भी सन्यासिनी को किसी अखाड़े से दीक्षा लेनी होती है और फिर उस अखाड़े की जीवन शैली को अपनाना होता है. अखाड़ों की जीवन शैली इस प्रकार होती है.

  1. नागा संतों की आस्था भगवान शिव में होती है इसलिये महिला नागा सन्यासिनी को पूरे दिन भगवान शिव का जप और तप करना होता है. ब्रम्ह मुहूर्त में उठना दैनिक कर्म से निवृत्त होना और फिर ईश्वर के भजन पूजन और जप में लग जाना.
  2. दोपहर में भोजन करके फिर भगवान शिवजी का जाप करना शाम को दत्तात्रेय भगवान की पूजा करना और उसके बाद सोना
  3. अखाड़े के अन्य सभी साधू संत, सन्यासिनियों को माता कह कर बुलाते हैं. इसलिये सबके लिये मातृत्व भाव रखना होता है, अखाड़े में सन्यासिनी को पूरा सम्मान दिया जाता है
  4. सिंहस्थ और कुम्भ में नागा साधुओं की तरह सन्यासिनियां भी शाही स्नान करती हैं इनका भी पूरा दल-बल शाही स्नान को जाता है.
  5. महिला नागा सन्यासिनियां हमेशा वस्त्र में रहती हैं, शाही स्नान के दौरान भी इन्हें अपना चोला उतरने की अनुमति नहीं होती है. ये हमेशा अपने शरीर से वस्त्र लपेटे रहती हैं.
  6. नागा सन्यासिनी माथे पर तिलक लगाती हैं और सफेद या फिर भगवा चोला धारण करती हैं.
देखिये वीडियो- 

Back to top button