अध्यात्म

इस बार 12 साल बाद मकरसंक्रांति पर बन रहा है दुर्लभ संयोग, यह उपाय करके बन सकते हैं मालामाल!

पुरे विश्व में सबसे ज्यादा पर्व त्यौहार भारत में ही मनाये जाते हैं। हिन्दू धर्म में सबसे ज्यादा पर्व—त्यौहार पड़ते हैं। हर त्यौहार की अपनी एक विशेषता है। इसी में से एक है मकरसंक्रांति। इस बार मकरसंक्रांति पर 12 साल बाद दुर्लभ संयोग बन रहे हैं, जो लोगों को काफी फायदा पहुँचाने वाला है। इस बार पुण्य के साथ-साथ धन कमाने का भी संयोग बन रहा है। इससे व्यक्ति मालामाल भी सो सकता है। अगर आपकी भी धन कमाने की इच्छा है तो इस बार वह अवश्य पूरी हो सकती है।

सूर्य दक्षिणायन से हो जाता है उत्तरायन:

आपको बता दें मकरसंक्रांति ही एक ऐसा हिन्दू पर्व है जो जनवरी महीने में सबसे पहले पड़ता है। यह 14 जनवरी को मनाया जाता है। सूर्य धनु राशी को छोड़कर मकर राशी में प्रवेश करता है। इस दिन सूर्य मकर रेखा पर चमकता है। इसके बाद सूर्य दक्षिणायन से उत्तरायन हो जाता है।

भीष्म ने देह त्याग के लिए किया था इंतज़ार:

मकर, कुम्भ, मीन, मेष, वृषभ तथा मिथुन राशि में सूर्य की स्थिति उत्तरायन की होती है और यह उत्तर दिशा की तरफ दिखता है। ऐसा माना जाता है कि उत्तरायन की उर्जा पंचमहाभूतों के लिए उर्जा का निर्माण करती है। इसीलिए उत्तरायन को ख़ास महत्व दिया गया है। श्रीमद्भागवत के अनुसार भीष्म ने देह त्यागने के लिए सूरज के उत्तरायन होने की प्रतीक्षा की थी।

श्रीमद्भागवत का पाठ करना और सुनना दोनों है फलदायक:

उत्तरायन के सूर्य के बारे में प्राचीनकाल से ही बहुत सी कहानियाँ प्रचलित हैं। उनमें से एक श्रीमद्भागवत में, भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को गीता का उपदेश देते हुए सूर्य की साधना के बारे में बताया और उससे जैविक सफलता एवं आध्यात्मिक रहस्य को समझने के लिए दिशा निर्देशित किया है। इसीलिए मकरसंक्रांति के समय श्रीमद्भागवत का पाठ करना एवं इसे सुनना दोनों ही बहुत फलदायक होता है। इस समय किये गए दान के बारे में कहा गया है कि प्रातः काल से किया गया इस दिन दान सौ गुना हो जाता है।

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