अध्यात्म

भगवान बुरा वक़्त आने से पहले ही दे देते हैं चेतावनी, उनके इशारों को समझे!

प्राचीन समय में एक संत किसी नगर में प्रवचन देने के लिए पहुँचे। नगर के लोगों ने मिलकर उनका खूब सम्मान किया और प्रवचन की व्यवस्था की। नगर के सभी लोग जब इकठ्ठा हो गए, तब संत ने अपना प्रवचन शुरू किया। उन्होंने सबसे पहले नगरवासियों से यही कहा कि, “हमेशा ईश्वर में अपनी आस्था बनाये रखनी चाहिए, ईश्वर सबकी रक्षा करते हैं।“ वहाँ बैठे एक शिष्य को उनकी बातें सुनकर थोड़ी हैरानी हुई, उसके बावजूद भी वह संत की हर बात को हृदय में उतार रहा था।

उसके अंदर शक्ति का संचार हुआ:

प्रवचन सुनने के कुछ दिनों बाद वह शिष्य कहीं जा रहा था। इस दौरान वह जंगल से गुजर रहा था। उसी समय सामने से दौड़ता हुआ एक आदमी आया और चिल्लाकर कहा, बचाओ-बचाओ, पागल हाथी इसी तरफ आ रहा है। शिष्य को संत की कही गयी बात याद आ गयी कि ईश्वर सबकी रक्षा करते हैं। इस बात को याद करते ही उसे अपने अन्दर शक्ति का आभास हुआ।

धक्का देकर हाथी भाग गया जंगल में:

वह बिना डरे आगे बढ़ता गया। थोड़ी ही देर में पगलाया हुआ हाथी उसके सामने चिंघाड़ता हुआ आया और उसे धक्का देता हुआ जंगल की तरफ भाग गया। शिष्य बच तो गया लेकिन उसे हाथी के धक्के से काफी चोट आयी। क्रोधित होकर वह सीधा संत के आश्रम पहुँचा। शिष्य ने अपनी दुखभरी कहानी संत को सुनाई और कहा कि उसने ईश्वर पर विश्वास करके आगे बढ़ गया कि वह उसकी रक्षा करेंगे, जबकि ऐसा कुछ नहीं हुआ।

ईश्वर ने भेजा था रक्षक बनाकर:

शिष्य की बात सुनकर संत ने उसको समझाते हुए कहा, “ईश्वर ने तुम्हारी सच्ची श्रद्धा देखकर ही तुम्हें चेतावनी देने के लिए उस व्यक्ति को रक्षक बनाकर भेजा था, लेकिन तुमने उसकी बात नहीं सुनी। तुम आगे बढ़ गए, इसके बावजूद हाथी ने सिर्फ तुम्हें घायल ही किया। अगर हाथी चाहता तो तुम्हें वह कुचलकर मार सकता था और उसके बाद वह जंगल में जाता।

चेतावनियों पर रखनी चाहिए नजर:

ईश्वर में अपनी सच्ची श्रद्धा रखने के साथ ही साथ उनके द्वारा दी जाने वाली चेतावनियों पर भी ध्यान देना चाहिए। ईश्वर सबकी रक्षा करते हैं, लेकिन उसके लिए तुम्हें सचेत रहना होगा। अगर तुम सचेत नहीं रहोगे तो इसके गंभीर परिणाम भुगतने को मिल सकते हैं।

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