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लालू यादव: 50 दिन बाद भी स्थिति सामान्य नहीं हुई तो क्या मोदी जी इस्तीफा देंगे या मुँह छुपाते घूमेंगे?

नोटबंदी को कल एक महिना पूरा हो गया है। जब नोटबंदी हुई थी तब देश की सभी विपक्षी पार्टियों ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर जमकर निशाना साधा था। नोटबंदी को इन नेताओं ने प्रधानमंत्री की चाल बताई थी, जिससे कला धन रखने वालों को फायदा हो सके। जबकि नरेन्द्र मोदी ने नोटबंदी का कदम काला धन पर लगाम लगाने के उद्देश्य से ही उठाया था। अब विपक्ष का काम ही है किसी भी बात को लेकर हंगामा करना तो वह कर रही थी। अभी फ़िलहाल प्रधानमन्त्री पर नोटबंदी को लेकर हमले कुछ कम हो गए हैं, लेकिन एक शख्स अभी भी नहीं मान रहा है। वह नोटबंदी को लेकर लगातार प्रधानमंत्री पर निशाना साध रहा है।

नोटबंदी के एक महीने पुरे होने पर लालू ने साधा निशाना:

आपको बता दें कल नोटबंदी के एक महीने पुरे होने पर राजद के मुखिया लालू यदाव ने प्रधानमंत्री मोदी पर जमकर निशाना साधा। लालू यादव ने सवालिया लहजे में कहा कि “नोटबंदी को 30 दिन हो चुके हैं, अब 20 दिन ही बचे हैं, अगर तब भी स्थिति सामान्य नहीं हुई तो क्या मोदी इस्तीफ़ा दे देंगे या मुँह छिपाते हुए यहाँ-वहाँ भागेंगे।“ गुरुवार को केन्द्रीय मंत्री लालू यादव ने मोदी पर निशाना साधते हुए लगातार कई ट्वीट किये। जिसमे उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी को आड़े हाथों लिया।

माँगी गयी मोहलत में 22 दिन बचे हैं:

आप लालू के ट्वीट में देख सकते हैं कि किस तरह से उन्होंने नरेन्द्र मोदी पर निशाना साधा है। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा है कि “PM के 50 दिन के मोहलत में 22 दिन बाकी हैं। 50 दिन बाद भी स्थिति सामान्य नहीं हुई तो क्या मोदी जी इस्तीफा देंगे या मुँह छुपाते घूमेंगे?”। इसी तरह उन्होंने एक और ट्वीट किया है, “भागते भूत की लँगोटी भली। नोटबन्दी में मिट्टी पलीत होते देख PM काला धन का आलाप त्याग, अब #CashlessEconomy के पल्लू में छुप रहे हैं।“ इसको देखने के बाद साफ तौर पर स्पष्ट होता है कि लालू नरेन्द्र मोदी को किसी भी तरह फँसाना चाहते हैं।

मोदी को नहीं है गाँवों की समझ:

इतने से ही लालू यादव मानने वाले नहीं थे उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी पर गाँवों की समझ ना होने का आरोप लगाते हुए भी ट्वीट कर दिया। इस ट्वीट में लिखा है कि, “न प्रधानमंत्री, न उनके मंत्री, न आर्थिक सलाहकारों या नीति आयोग को गाँवों की समझ है। ग्रामीणों की व्यथा को समझना तो बहुत दूर की कौड़ी होगी।“ इतने से ही लालू का गुस्सा शांत होने वाला नहीं था, उन्होंने प्रधानमंत्री के नोटबंदी वाले कदम से 90 लोगों के मरने का भी दावा किया और इसके बारे में भी एक ट्वीट कर दिया। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा है, “जो 90 लोग प्रत्यक्ष रूप से नोटबंदी की भेंट चढ़ गए वे क्या गैर मुल्की थे? उनके परिवार का भार कौन लेगा? प्रधानमंत्री के पास उनके लिए समय और शब्द भी नहीं है? मोदी जी जानते हैं कि बमुश्किल 20 फीसदी भारतीय ही ‘कैशलेस ट्रांजेक्शन’ करने की स्थिति में है? ये बस नोटबंदी के दलदल से ध्यान हटाने का जुमला है।“

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