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अक्षय कुमार की आने वाली फिल्म टॉयलेट का जमकर विरोध, निर्देशक की जीभ काटने वाले को 1 करोड़ का इनाम!

अक्षय कुमार की आने वाली फिल्म टॉयलेट का जमकर विरोध किया जा रहा है। बताया जा रहा था कि, यह फिल्म प्रधानमंत्री के स्वच्छता अभियान के ऊपर बनाई जा रही है। इसका विरोध लगातार बढ़ता ही जा रहा है। आपको बता दें इस फिल्म की शूटिंग पिछले कई दिनों से नन्द गाँव में की जा रही है। इस फिल्म का विरोध करने के लिए मंगलवार को एक महापंचायत का आयोजन किया गया, इस महापंचायत में स्थानीय लोगों के साथ क्षेत्र के कई साधू- संत भी शामिल हैं।

क्यों हो रहा है फिल्म का विरोध?

इस फिल्म के विरोध की सबसे बड़ी वजह बतायी जा रही है कि इसमें अक्षय कुमार की बारात नन्द गाँव से बरसाने जाती है। जबकि वहाँ के स्थानीय लोगों का कहना है कि पिछले 5000 सालों से यहाँ कोई भी बारात नंदगांव से नहीं आयी है, और ना ही यहाँ से नन्द गाँव कोई बारात गयी है। स्थानीय लोगों का कहना है कि फिल्म में यह सब फिल्माना यहाँ की परम्पराओं के विपरीत है।

यही पर श्री कृष्ण ने पूरी दुनियाँ को दिया था प्रेम का सन्देश:

यहाँ के संतों का कहना है कि यही पर भगवन श्री कृष्ण ने राधा से प्रेम करके पूरी दुनियाँ को प्रेम का सन्देश दिया था। इस फिल्म में उसी प्रेम को टॉयलेट से जोड़ा जा रहा है, जो किसी भी हिसाब से उचित नहीं है। इसलिए साधू- संतों के साथ ही स्थानीय लोग भी फिल्म का जमकर विरोध कर रहे हैं।

फिल्म के निर्देशक की जीभ काटने वाले को 1 करोड़ का इनाम:

आपको बता दें कि इस फिल्म के नाम में टॉयलेट जोड़ने से चार वैष्णव संप्रदाय के महंत फूल डोल जी महाराज ने, इस फिल्म के निर्देशक की जीभ काटने वाले को 1 करोड़ रूपये देने का ऐलान किया है। उनका कहना है कि इस फिल्म के निर्देशक ने यहाँ की संस्कृति के साथ खिलवाड़ करने की कोशिश की है, इसलिए जो भी उसका जीभ काटकर लाएगा उसे 1 करोड़ रूपये इनाम के रूप में दिए जायेंगे।

निर्देशक ने कहा मेरा ऐसा कोई इरादा नहीं है:

इस फिल्म के निर्देशक नारायण राणा ने फिल्म का इतना विरोध होते हुए देखकर मीडिया से मुखातिब होने का निश्चय किया। उन्होंने मीडिया से इस फिल्म के बारे में कहा कि यह फिल्म प्रधानमंत्री के स्वच्छता अभियान से प्रेरित होकर बनाई गयी है। इस फिल्म के द्वारा मेरा किसी की भी भावनाओं को ठेस पहुँचाने का कोई इरादा नहीं है। उन्होंने फिल्म के बारे में तो ज्यादा नहीं कहा लेकिन उन्होंने कहा है कि इसमें किसी भी परम्परा को नहीं तोड़ा गया है।

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