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जानिये गरुड़ पुराण के अनुसार इन नेताओं को नर्क में मिलेगी कौन – कौन सी सजा!

गरुड़ पुराण के बारे में तो सभी ने सुना होगा। यह हिन्दू धर्म के 18 पुराणों में से एक है, जिसमे इंसान के कर्म और उसके हिसाब से मिलने वाले फल के बारे में बताया गया है। जो इंसान जैसा कर्म करता है, मरने के बाद उसे उसी के अनुसार फल मिलता है। अगर किसी ने अच्छा कर्म किया है तो उसे स्वर्ग में भेजा जाता है। जो बुरा कर्म करता है उसे नर्क में भेजा जाता है, और सिर्फ भेजा ही नहीं जाता है, उसे वहाँ उसके कर्मों के हिसाब से सजा भी दी जाती है।

आपको बता दें गरुड़ पुराण, भगवान विष्णु ने अपने वाहन गरुड़ को जो ज्ञान दिया था, उसी को कहते हैं। इसमें इंसान के कर्मों के हिसाब से उसके फल के बारे में बताया गया है। इसमें 19 हजार श्लोक हैं और पापियों को दंड देने के 28 अलग- अलग तरीकों के बारे में बताया गया है। लोगों को यम ही दंड देने का काम करते हैं, उन्हें मृत्यु का देवता भी कहा जाता है।

इस पुराण में यह भी वर्णित है कि कौन सा पाप करने पर किस प्रकार का दंड दिया जाता है। जो सभी 28 तरह के पापों का भागी होता है उसे कौन सा दंड दिया जाता है, आइये जानते हैं।

पाप और उसके अनुसार दंड:

*- अन्धाताम्त्र्स्म (शारीरिक सजा):

garud puran punishment arvind kejriwal

वह लोग जो अपनी पत्नी या पति को धोखा देते हैं, उन्हें यह शारीरिक सजा दी जाती है। उनके हाथ को पीछे बाँधकर, किसी चिमटे से उनकी आँख को निकाला जाता है। दोषी को आँख निकालने के बाद तड़पने के लिए छोड़ दिया जाता है, इस दौरान भयंकर पीड़ा सहनी पड़ती है।

अगर राजनीति में देखा जाए तो कौन सबसे पहले इस सजा का भागी होगा? जिसने अपनी पत्नी को धोखा दिया है। सबसे पहला नाम आता है कांग्रेस के दिग्विजय सिंह का और दूसरा नाम आता है आप के विधायक संदीप कुमार का जिनको हाल ही में सेक्स स्कैंडल के मामले में दोषी पाया गया था। अगर केजरीवाल की आलू वाली स्टोरी सही है तो, वह भी इस सजा के भागी हैं।

*- रौरवम (साँप की पीड़ा):

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किसी और की संपत्ति का खुद के फायदे के लिए इस्तेमाल और आनंद लेने वाले लोगों को नर्क में साँप के बीच फेंका जाता है। उन लोगों को वहाँ पर साँप तब तक यातना देता है, जब तक उनका नर्क का जीवन ख़त्म नहीं हो जाता है।

लगभग 90% राजनीतिज्ञ इस यातना के भागी हैं, जिन्होंने देश की गरीब और मासूम जनता से धोखा करके करोड़ो रुपये अपने पास रखे हुए हैं।

*- कुम्भिपाकम (तेल में पकाया जाना):

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जो लोग अपने मजे के लिए किसी जानवर की हत्या करते हैं, उन्हें उबलते हुए तेल की कड़ाही में डाला जाता है।

देश के सभी तथाकथित धर्मनिरपेक्ष लोगों को यह सजा मिलेगी, क्योंकि वही लोग हैं, जो कई मरे हुए जानवरों की फोटो शेयर करते रहते हैं। उनमे से तो कईयों ने कई सारी गायों की बलि भी चढ़ाई हुई है।

*- असितापत्रम (बहुत बुरी शारीरिक सजा):

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जो लोग अपने कर्तव्य से मुख मोड़ लेते हैं, भगवान को धोखा देते हैं और अपने धर्म- कर्म के कामों को छोड़ देते हैं, उन्हें किसी धारदार चीज से कोड़े मारे जाते हैं। उन्हें तब तक चाकुओं एवं अन्य धारदार वस्तुओं से मारा जाता है, जब तक वो बेहोश ना हो जाएँ। उन्हें बुरी आत्माओं द्वारा तब तक सजा दी जाती है, जब तक उन्हें अपनी गलती का अहसास नहीं हो जाता है।

तो ऐसा कौन सा राजनीतिज्ञ है जो अपने कर्तव्य से पीछे भागता है, बहाने बनाता है और अपनी गलती दूसरों पर डालता है। इस मामले में सबसे आगे दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल हैं और हमें देश के हास्य कलाकार और कांग्रेस के लाड़ले राहुल गाँधी को नहीं भूलना चाहिए।

*- सुकरामुखम (यातना और अभिशाप):

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जो लोग अपने कर्तव्य को अनदेखा करते हैं, लोगों के साथ बुरा व्यवहार करते हैं और गैरकानूनी कामों में संलिप्त रहते हैं, उन लोगों को किसी खूंखार जानवर के सामने उनको कुचलने के लिए डाल दिया जाता है।

इस सजा के लिए कांग्रेस की सोनिया गाँधी, मनमोहन सिंह, आप के अरविन्द केजरीवाल और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश सिंह यादव बिलकुल सही लोग हैं। इन्ही लोगों ने अपने काम को सही ढंग से नहीं किया है और देश की जनता पर जबरदस्ती अपनी मर्जी चलाई।

*- साल्मली (गर्म, कठोर वास्तु से यातना देना):

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किसी के साथ जोर- जबरजस्ती करना, महिलाओं को सताना और किसी महिला से जबरजस्ती यौन सम्बन्ध बनाने की कोशिश करने वाले के शरीर में गर्म, कठोर वास्तु को लेकर उसके जननांगो में घुसेड़ा जाता है और पीछे से यम का सेवक चाबुक से मारता है।

इस सजा के लिए सोमनाथ भारती और संदीप कुमार योग्य हैं।

*- पुयोदकम (नर्क का कुआँ):

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जो पुरुष महिलाओं को धोखा देते हैं, उनके साथ क्रूरता पूर्वक व्यवहार करते हैं और उन्हें केवल शारीरिक भूख मिटाने के लिए प्रयोग करते हैं, ऐसे लोगों को मूत्र, खून, कफ़ और मल से भरे गड्ढे में फेंक दिया जाता है। उन्हें खतरनाक जानवरों और कीड़ों द्वारा भी कटवाया जाता है।

संदीप कुमार, सोमनाथ भारती, दिनेश मोहनिया सारे आप के कार्यकर्ता और आइसा के छात्र संगठन के नेता अनमोल रतन, जिसने जेएनयू परिसर में एक छात्राके साथ बलात्कार किया था। ये सभी लोग इस सजा के हक़दार हैं।

*- प्राणरोधम (टुकड़ों में काटना):

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जो लोग जानवरों को अपने भूख के लिए मरते हैं, उनके शरीर के सभी अंगों को तीर से छोटे- छोटे टुकड़ों में काट दिया जाता है।

आप खुद ही समझ सकते हैं कि इस सजा के भागी कौन- कौन लोग हैं।

*- सुलाप्रोतम (त्रिशूल से यातना देना):

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दूसरों के कष्टों का कारण, लोगों को मारने वाला, अपने चालाकी की वजह से लोगों को धोखा देने वाले और जो दुसरे के भरोसे को तोड़ता है, उसे भूखा- प्यासा रख दिया जाता है, जिससे उसे पक्षी नोच- नोच कर खाते हैं। उन्हें किसी नुकीली धातु से भी गोदा जाता है।

इस सजा के लिए देश के सभी राजनेता काबिल हैं, खासतौर पर कांग्रेस के सभी नेता और जो खुद को धर्म निरपेक्ष कहते हैं। जो पहला नाम दिमाग में आता है वह अरविन्द केजरीवाल का है।

*- सरमेयासनम (कुत्तों से यातना देना):

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देश को बर्बाद करने वाले, जो असामाजिक कामों में लगे होते हैं, लोगों को कष्ट और हत्या में संलिप्त लोगों को नर्क में हज़ार कुत्तों के साथ फेंक दिया जाता है। कुत्ते उन्हें फाड़कर उनके मांस को खाते हैं और उन्हें यातना देते हैं।

यह सजा उसके लिए हैं जो अपने शक्ति के नशे में चूर होकर देश को नुकसान पहुँचाता है। जो लोग अपने शक्ति का गलत उपयोग करके समाज में असंतुलन पैदा कर देते हैं, इसमें सबसे पहला नाम सोनिया गाँधी, अहमद पटेल, अरविन्द केजरीवाल का नाम सबसे आगे है।

इस सजा का भागी बीजेपी का एक भी नेता नहीं है, क्योंकि बीजेपी के सारे राजनीतिज्ञ सच्चे देशभक्त हैं, उन्होंने अपने जीवन में कोई गलत काम नहीं किया हुआ है। उनके अन्दर दया भावना कूट- कूट कर भारी हुई है। गरुड़ पुराण के अनुसार केवल उसी को ये सब सजा दी जाती है जो इसके लायक होता है, और बीजेपी को छोड़कर देश की सभी पार्टियों के लोग इस सजा के हक़दार हैं।

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