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पीएम मोदी का एक और मास्टरस्ट्रोक! टैक्स चोरों के खिलाफ आयकर विभाग की कार्रवाई शुरू

नई दिल्ली – तीव्र कार्रवाई करते हुए आयकर विभाग ने सैकड़ों लोगों और कंपनियों से अपने धन का “स्रोत” जाहिर करने के लिए नोटिस जारी किया है, जिन्होंने 8 नवम्बर को 500 रु. और 1,000 रु. के नोटों को बैन करने के बाद भारी मात्रा में नकदी जमा किया है। IT department action against tax evaders.

नोटबंदी के बाद आयकर विभाग की सख्ती शुरू –

अधिकारियों ने बताया कि कर अधिकारियों ने देशभर में इस संबंध में जांच शुरू की है। उसने विभिन्न शहरों में आयकर कानून की धारा 133 (6) के तहत लोगों को ‘स्रोत’ की जानकारी देने के नोटिस जारी किए हैं। इस धारा के तहत विभाग लोगों से जानकारी मांग सकता है।

IT department action against tax evaders

9 नवंबर से 500, हजार रुपये के पुराने नोट बंद होने के बाद अब इऩकम टैक्स डिपार्टमेंट ने भी सख्ती शुरू कर दी है। नोटबंदी के बाद से ही आयकर विभाग बैंक अकाउंट में बड़ी राशि जमा किए जाने नजर रख रहा है, लेकिन अब आयकर विभाग की ओर से ऐसे लोगों को नोटिस जा रहा है, जिनके खातों में संदिग्ध ट्रांजैक्शन हुए हैं। ये नोटिस उन लोगों को दिए गए हैं जिनके अकाउंट में 8 नवंबर के बाद ढाई लाख रुपये से ज्यादा की कैश रकम जमा हुई है।

2.5 लाख से ज्यादा के डिपॉजिट पर है आयकर विभाग की नजर –

अधिकारियों ने बताया कि यह नोटिस उन लोगों को जारी किए गए हैं जिनके बारे में बैंकों ने खातों में ‘असाधारण या संदिग्ध मात्रा में नकदी जमा कराने’ की जानकारी विभाग को दी है। यह आम तौर पर ढाई लाख रुपये से अधिक की नकदी जमा करने पर जारी किए जा रहे हैं।

गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आठ नवंबर की मध्यरात्रि से देश में 500 और 1,000 रुपये के पुराने नोटों को चलन से बाहर कर दिया था। नोटबंदी के बाद 10 नवंबर से 30 दिसंबर तक लोगों को पुराने नोट बैंक में जमा कराने की सुविधा दी गई है। साथ ही, सरकार की ओर से यह भी कहा गया था कि अगर कोई इस दौरान बैंक में 2.5 लाख से ज्यादा नकद जमा करवाता है तो उसे अपने पैसे का हिसाब देना होगा। अगर पैसा गलत तरीके से कमाया हुआ मिला तो टैक्स के साथ-साथ जुर्माना भी देना पड़ सकता है।

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